उत्तराखंड के संसदीय कार्य और वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने विधानसभा में अपने बयान के कारण पैदा हुए आक्रोश पर प्रतिक्रिया व्यक्त की। मीडिया से बात करते हुए अग्रवाल ने कहा कि उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया गया और तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया। अग्रवाल ने कहा कि उत्तराखंड में पूरे देश से लोग रहने आते हैं और सभी लोग इसी राज्य के हैं और यह हमारा है। उन्होंने कहा कि “मैंने सदन में भी स्पष्ट किया था कि कुछ लोग मेरे बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रहे हैं। मैंने कहा था कि उत्तराखंड में देश के सभी हिस्सों से लोग रहते हैं। हम सभी उत्तराखंड के हैं और उत्तराखंड हमारा है।” अग्रवाल ने खेद व्यक्त किया और कहा कि अगर उनके बयान से जाने-अनजाने में किसी को ठेस पहुंची है तो वे इसके लिए माफी मांगते हैं।
उन्होंने कहा कि “यह हमारे दिल में बसा हुआ है। मैंने पूरे उत्तराखंड के बारे में बात की थी। मेरे बयान को गलत तरीके से पेश किया गया। मुझे लगता है कि इससे कई लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं। मेरी वजह से किसी को दुख पहुंचाना मेरा स्वभाव नहीं है। इसलिए जाने-अनजाने में जिस किसी को भी ठेस पहुंची है, मैं उसके लिए दिल से खेद व्यक्त करता हूं और उनसे माफी मांगता हूं।”
इससे पहले कांग्रेस विधायक के साथ तीखी बहस में मंत्री ने सवाल किया था कि क्या उत्तराखंड सिर्फ पहाड़ों के लोगों के लिए है। उत्तराखंड विधानसभा ने शुक्रवार को उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि सुधार अधिनियम, 1950) (संशोधन) विधेयक, 2025 पारित किया। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने विधेयक के पारित होने की सराहना की और कहा कि यह उनकी सरकार द्वारा लिए गए ऐतिहासिक फैसलों का हिस्सा है।
उन्होंने शुक्रवार को कहा कि “हमने राज्य में ऐतिहासिक फैसले लिए हैं, जिसमें समान नागरिक संहिता लागू करना भी शामिल है। हम युवाओं के लिए देश का सबसे कठोर धोखाधड़ी विरोधी कानून लेकर आए हैं… हमने धर्मांतरण और दंगों को रोकने के लिए कानून बनाए हैं… हम राज्य को नवनिर्माण की ओर ले जा रहे हैं। हम जो कहते हैं उसे पूरा करने का प्रयास करते हैं और भूमि सुधार कानून भी उसी दिशा में उठाया गया हमारा कदम है।”
विधानसभा में विधेयक पर चर्चा करते हुए सीएम धामी ने कहा कि संशोधन का मुख्य उद्देश्य भूमि सुधारों को समाप्त करना नहीं बल्कि उनकी शुरुआत करना है। राज्य सरकार ने कहा कि विधेयक ने जनभावना के अनुरूप भूमि सुधारों की नींव रखी है। उन्होंने कहा कि भूमि सुधार और प्रबंधन पर काम भविष्य में भी जारी रहेगा।