उत्तराखंड भाजपा अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने रविवार को कहा कि पहाड़ी राज्य में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली सरकार में खनन राजस्व पिछली सरकारों के मुकाबले तीन गुना बढ़ा है। उन्होंने इसे क्षेत्र में शुरू किए गए ‘सुधारों’ का परिणाम बताया। भाजपा सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत और खनन विभाग के एक शीर्ष नौकरशाह के बीच ‘बदसूरत तकरार’ की पृष्ठभूमि में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए महेंद्र भट्ट ने कहा कि राजस्व में तीन गुना वृद्धि अपने आप में माफिया गतिविधियों में कमी और सरकार की बढ़ती निगरानी का संकेत है।
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उन्होंने कहा कि खनन से होने वाली आय 300 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,000 करोड़ रुपये से अधिक हो गई है। यह क्षेत्र को सुव्यवस्थित करने और भ्रष्ट और माफिया सिंडिकेट को खत्म करने में धामी सरकार की भूमिका को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासन में 2017 तक खनन राजस्व केवल 335.27 करोड़ रुपये था। उत्तराखंड भाजपा प्रमुख ने खनन क्षेत्र में सरकार-माफिया मिलीभगत के कांग्रेस के आरोपों पर भी कटाक्ष किया और कहा कि पार्टी खुद भी आलोचना का सामना कर रही है, क्योंकि जिन लोगों को दंडित किया जा रहा है, उनके इससे करीबी संबंध पाए गए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में खनन माफिया पर कार्रवाई से कांग्रेस समेत विपक्ष घबरा गया है।
रावत ने 27 मार्च को लोकसभा में पहाड़ी राज्य में अवैध खनन का मुद्दा उठाते हुए अपनी ही पार्टी की सरकार को कटघरे में खड़ा किया और कहा कि इससे न केवल लोगों को बल्कि उत्तरी राज्य की पारिस्थितिकी को भी बहुत नुकसान हो रहा है। उन्होंने अवैध खनन से भरे ट्रकों के बारे में बात की और बताया कि इससे सड़कें कैसे क्षतिग्रस्त हो रही हैं और रात में लोगों की जान भी खतरे में पड़ रही है।
रावत के ‘खुलासे’ ने न केवल विपक्ष को धामी सरकार पर हमला करने का मौका दिया, बल्कि राज्य के खनन विभाग ने भी आरोपों का त्वरित खंडन किया। राज्य खनन विभाग के निदेशक बृजेश कुमार संत ने जल्दबाजी में जारी एक जवाबी बयान में कहा कि चालू वित्त वर्ष में खनन राजस्व में रिकॉर्ड वृद्धि देखी गई है और इसलिए आरोप ‘निराधार, झूठे और भ्रामक’ हैं।