गाजियाबाद में आरएसएस के 100वीं वर्षगांठ की तैयारी के लिए 32 संगठनों की बैठक हुई, जिसमें सीएम योगी आदित्यनाथ भी शामिल थे। उन्होंने महाकुंभ मेले में संघ के योगदान की सराहना की और राज्य की आर्थिक स्थिति में सुधार की बात की।
आरएसएस के 100 वर्ष पूरे होने पर गांव और शहर से लेकर हर जगह धूमधाम से कार्यक्रम मानाए जाएंगे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने जातियों में बने हुए भेद-भाव को कम करने का अपना काम बहुत ही सही तरीके से निभाया है। उन्होंने पिछले 100 वर्षों में अनेकता में एकता का सन्देश दिया है। गाजियाबाद में बुधवार के दिन आरएसएस की स्थापना के 100वीं वर्ष की तैयारी को लेकर कुल 32 संगठनों की बैठक हुई। इस बैठक में सीएम योगी भी मौजूद थें। इस दौरान उन्होंने कहा कि हाल ही में हुए महाकुंभ मेले में करोड़ों लोगों को स्नान करवाना में संघ का बहुत ही बड़ा हाथ था।
बैठक में पश्चिमी यूपी के प्रचारक महेंद्र शर्मा भी मौजूद थे, उन्होंने कहा कि अक्टूबर में संघ का 100वां वर्ष शुरू होगा, जिसके लिए हर एक पंचायत में कार्यक्रम का आयोजन होगा और दूसरा कार्यक्रम नवंबर में होगा। इस कार्यक्रम के बीच घर घर जाकर लोगों को सनातनी विचारधारों के बारे में बताया जाएगा। तीसरा कार्यक्रम में हिन्दुओं का सम्मलेन होगा, जिसमें महिला और बच्चें भी शामिल होंगे, वही चौथी बैठक बुद्धिजीवियों की होगी और पांचवे कार्यक्रम की बैठक समाज के लिए होगी। छठे कार्यक्रम में पुरे एक हफ्ते के लिए शाखा लगाने का काम होगा, जिसे विश्वविद्यालय में आयोजित किया जाएगा। साथ ही यह भी बताया कि भले ही हमारी संघठनों के नाम अलग-अलग हो, लेकिन विचार एक ही है।
आरएसएस के 100 वर्ष पुरे होने के लिए कार्यक्रम आयोजित करने के लिए हुई बैठक में, मुख्यमंत्री ने रामलला की मूर्ति की प्राणप्रतिष्ठा, महाकुम्भ का आयोजन और राज्य में उनकी सरकार के काम की बात की। साथ ही उन्होंने यह भी बोला की बिना संघ के योगदान के महाकुम्भ में करोड़ो लोगों के बिना भेदभाव स्नान करना संभव नहीं हो पाया। महाकुम्भ में 72 देशों के राजदूत आए थे और 12 देशों के राज्याध्यक्ष भी मौजूद थे। पूरी दुनिया ने इतना बड़ा सनातनी कार्यक्रम देखा।
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CM योगी ने बताया कि पहले उत्तरप्रदेश एक बीमारू राज्य के नाम से जाना जाता था, लेकिन अब इसकी स्थिति पूरी तरह से बदल गयी है। महाकुम्भ के आयोजन से राज्य की आर्थिक स्थिति में भी सुधार आया और कई लोगों को रोजगार भी मिला। महाकुम्भ जैसे एक वैश्विक कार्यक्रम का आयोजन की सफलता में आरएसएस का बहुत बी बड़ा हाथ है।