कटेरी के फूलों से खांसी, अस्थमा और लिवर समेत कई रोगों का इलाज, अद्भुत हैं फायदे - Punjab Kesari
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कटेरी के फूलों से खांसी, अस्थमा और लिवर समेत कई रोगों का इलाज, अद्भुत हैं फायदे

कटेरी के फूल अस्थमा और लिवर के लिए रामबाण, जानें अद्भुत फायदे

कटेरी का पौधा खांसी, बुखार, अस्थमा, सिरदर्द, पेट दर्द और लिवर संबंधी समस्याओं के लिए अत्यंत लाभकारी है। आयुर्वेद में इसे औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है। कटेरी के फूल गले की सूजन और खराश को कम करते हैं, और इसके सेवन से पाचन में सुधार होता है।

कटेरी वैसे तो एक कांटेदार पौधा है, लेकिन यह इंसानी शरीर के लिए रामबाण से कम नहीं है। इसमें खांसी, बुखार, अस्थमा, सिरदर्द, पेट दर्द, लिवर और त्वचा जैसी तमाम बीमारियों को ठीक करने की अद्भुत क्षमता है। इसे आयुर्वेद में औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है। कटेरी के पौधे को कंटकारी या भटकटैया भी कहते हैं। इस पौधे के फूल स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी होते हैं।

कटेरी खांसी, बुखार, अस्थमा, सिरदर्द, पेट दर्द, लिवर और त्वचा संबंधी समस्याओं के लिए बहुत लाभकारी है। कटेरी के फूल गले की सूजन और खराश को कम करते हैं। आयुर्वेद में गंजेपन के लिए कटेरी का प्रयोग अच्छा उपाय माना जाता है। इसके अलावा चरक संहिता और सुश्रुत संहिता में कटेरी के सैकड़ों स्वास्थ्यवर्धक गुणों का वर्णन किया गया है।

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चरक संहिता के अनुसार, कटेरी को खांसी के इलाज के लिए आयुर्वेदिक दवा के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। कटेरी की जड़ में बलगम को बाहर निकालने वाले गुण होते हैं। कटेरी के फूलों का चूर्ण शहद के साथ मिलाकर खाने से खांसी दूर होती है। चूर्ण को आधा से 1 ग्राम खाया जाता है।

चरक संहिता के अनुसार, कटेरी पित्त और कफ की वृद्धि को नियंत्रित करने के लिए उपयोगी है। इसके सेवन से पाचन में सुधार होता है, यकृत को स्वस्थ रखा जाता है, और शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद मिलती है। यह पित्त के अत्यधिक उत्पादन को नियंत्रित करता है, शरीर के तापमान को संतुलित करता है, और रक्त को शुद्ध करता है, जिससे त्वचा की समस्याएं जैसे मुंहासे और एक्जिमा में राहत मिलती है।

एक शोध के अनुसार, कटेरी में एंटी-अस्थमैटिक गुण मौजूद होते हैं, जो अस्थमा के लक्षणों को कम करने में बहुत मदद करते हैं। इसका इस्तेमाल सांस लेने में दिक्कत जैसी समस्याओं में भी राहत देता है। इसके अलावा, कटेरी के फूल गले की सूजन और खराश को कम करने में बहुत सहायक माने जाते हैं। काढ़ा बनाकर गरारा करने से गला साफ हो जाता है।

अगर आप सिरदर्द से ज्यादा परेशान हैं, तो कटेरी का काढ़ा बनाकर पी लें। इसके सेवन से सिरदर्द से राहत मिलती है। इसके अलावा, कटेरी के फूलों का रस माथे पर लगाने से सिरदर्द से राहत मिलती है।

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पेट दर्द में भी कटेरी बहुत लाभदायक है। पेट दर्द से आराम के लिए कटेरी के फूल के बीजों का सेवन करने की सलाह दी जाती है। पेट दर्द से आराम के लिए बीजों को पीसकर, उसे छाछ में मिलाकर सेवन करें।

लिवर संबंधी समस्याओं के लिए भी कटेरी का सेवन बहुत फायदेमंद बताया जाता है। कटेरी लिवर के लिए बहुत अच्छा टॉनिक होता है। कटेरी के फूलों से बने काढ़े का सेवन करने से लिवर की सूजन और इन्फेक्शन की समस्या से राहत मिलती है।

खांसी, बुखार, अस्थमा, सिरदर्द, पेट दर्द, लिवर और त्वचा संबंधी समस्याओं के लिए कटेरी का सेवन करने से पहले आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह लेना जरूरी है। इस्तेमाल करने से पहले सलाह जरूर लें, क्योंकि कटेरी के काढ़ा का अधिक मात्रा में सेवन करने से उल्टी की शिकायत हो सकती है।

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