पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस बयान पर कि महाकुंभ ‘मृत्यु कुंभ’ में बदल गया है और महाकुंभ पर अन्य विपक्षी नेताओं के विवादित बयानों पर विश्व हिंदू परिषद के संगठन महासचिव मिलिंद परांडे ने कहा कि कुछ लोग जानबूझकर तुष्टीकरण और राजनीतिक हितों के लिए इस तरह के बयान दे रहे हैं।
जब इस कुंभ में 60 करोड़ से अधिक हिंदुओं ने भाग लिया है, तो ऐसी टिप्पणियां अस्वीकार्य हैं। यह हिंदू-सनातन का अपमान है। यह विश्व का सबसे बड़ा आध्यात्मिक एकत्रीकरण है। करोड़ों लोग एक जगह पर आ रहे हैं। पूज्य संतों का आशीर्वाद ले रहे हैं। पर्यावरण की दृष्टि से यहां पर बहुत प्रयोग हुए हैं।
बागेश्वर धाम से पीएम मोदी द्वारा विपक्ष के नेताओं पर हिंदू धर्म का मखौल उड़ाने पर दिए बयान पर उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि पीएम मोदी ने सच बात कही है। इसमें दिखाई देता है भारत के अंदर कुछ शक्तियां इसमें राजनीतिक दल भी हैं, जो हिन्दुओं को आगे नहीं आना देना चाहते हैं।
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के मातृभाषा के प्रयोग पर उन्होंने कहा कि बिल्कुल सही बात है। हम लोगों को मातृभाषा में ही बात करनी चाहिए। मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से दूर रखे जाने पर उन्होंने कहा कि हिन्दू मंदिरों को सरकारी नियंत्रण में रखना हिन्दुओं के साथ भेदभाव है। हिन्दुओं का मंदिरों का नियंत्रण रखना चाहिए।