मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने दमोह के मिशनरी अस्पताल में फर्जी डॉक्टर द्वारा कथित तौर पर सात मरीजों की मौत के मामले में सख्त कार्रवाई की घोषणा की है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को राज्य में ऐसे अन्य मामलों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सोमवार को कहा कि उनकी सरकार दमोह के मिशनरी अस्पताल में कथित तौर पर सात मरीजों की मौत का कारण बने फर्जी डॉक्टर से जुड़े मामले में सख्त कार्रवाई करेगी। मुख्यमंत्री ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि राज्य सरकार ऐसे मामलों के खिलाफ कार्रवाई करने में कोई देरी नहीं करेगी और निर्देश दिया कि यदि राज्य में ऐसा कोई अन्य मामला है, तो स्वास्थ्य विभाग उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करे।
मुख्यमंत्री यादव ने संवाददाताओं से कहा, “दमोह में सामने आई घटना में हमारी सरकार सख्त कार्रवाई कर रही है। हमारी सरकार ऐसे मामलों के खिलाफ कार्रवाई करने में कोई देरी नहीं करती है। हमारी सरकार ने अपनी साख बनाई है। मैंने निर्देश दिया है कि यदि ऐसा कोई अन्य मामला है, तो स्वास्थ्य विभाग उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करे।”
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दमोह जिले में मिशन अस्पताल के डॉक्टर के रूप में खुद को पेश करने वाले एक व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर (प्रथम सूचना रिपोर्ट) दर्ज की गई है। उस पर सर्जरी करने और कम से कम सात मरीजों की कथित तौर पर हत्या करने का आरोप है। एक अधिकारी ने बताया कि मिशन अस्पताल में नियुक्ति पाने के लिए धोखाधड़ी और फर्जी दस्तावेज पेश करने के आरोप में जिले के कोतवाली थाने में व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
नगर पुलिस अधीक्षक (सीएसपी, दमोह) अभिषेक तिवारी ने बताया, “मिशन अस्पताल के डॉ. एन जॉन केम के नाम से जाने वाले आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी और फर्जी दस्तावेज पेश करने के आरोप में कोतवाली थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। हमें इस मामले में स्वास्थ्य विभाग के सीएमएचओ से रिपोर्ट मिली है कि आरोपी ने कथित तौर पर एंजियोग्राफी और एंजियोप्लास्टी की फर्जी सर्जरी की है। डॉक्टर के मेडिकल दस्तावेज संदिग्ध पाए गए, जिनकी डॉक्टरों की टीम ने जांच की और उसके बाद संदेह होने पर उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।”
दमोह के नगर पुलिस अधीक्षक ने बताया कि डॉक्टर मध्य प्रदेश में बिना रजिस्ट्रेशन के ही प्रैक्टिस कर रहा था, साथ ही वेबसाइट पर उसका आंध्र प्रदेश का रजिस्ट्रेशन भी नहीं दिख रहा था, साथ ही अन्य बातें भी सामने आई हैं, जिससे उसकी मेडिकल प्रैक्टिस संदिग्ध लग रही है। कथित मौतों के बारे में पूछे जाने पर सीएसपी तिवारी ने बताया कि अभी तक ऐसा कोई तथ्य सामने नहीं आया है, अगर ऐसा कोई तथ्य सामने आता है तो उसे जांच में शामिल किया जाएगा। मामले की जांच की जा रही है, आरोपियों की तलाश की जाएगी।