मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार की ऐतिहासिक कैबिनेट बैठक पचमढ़ी में आयोजित होने जा रही है। यह बैठक गोंड शासक राजा भभूत सिंह की स्मृति को समर्पित होगी, जिन्होंने इस क्षेत्र का उपयोग शासन और सांस्कृतिक धरोहरों की रक्षा के लिए किया। पचमढ़ी की प्राकृतिक सुंदरता और ऐतिहासिक महत्व को ध्यान में रखते हुए, यह आयोजन प्रशासनिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है।
मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार की पहचान नवाचारों के लिए बन रही है। इसी क्रम में मंगलवार को राज्य सरकार की कैबिनेट की बैठक पचमढ़ी में होने जा रही है। यह स्थान गोंड शासक राजा भभूत सिंह के शौर्य और पराक्रम की स्मृति से जुड़ा हुआ है। आधिकारिक तौर पर दी गई जानकारी में बताया गया है कि मंगलवार को पचमढ़ी में हो रही मंत्रि-परिषद की बैठक विशेष रूप से जनजातीय समाज और शौर्य पराक्रम के प्रतीक रहे राजा भभूत सिंह की स्मृति को समर्पित होगी, जिनकी ऐतिहासिक भूमिका को मंत्रि-परिषद की बैठक के दौरान पुनः स्मरण किया जाएगा। पचमढ़ी गोंड शासक राजा भभूत सिंह के ऐतिहासिक योगदान को समेटे हुए है। उन्होंने इस पहाड़ी भूभाग का उपयोग शासन संचालन, सुरक्षा और सांस्कृतिक धरोहरों की रक्षा के लिए किया। पचमढ़ी भगवान भोलेनाथ की नगरी के रूप में भी प्रसिद्ध है।
ठहरा मानसून, 10 जून के बाद होगी एमपी में एंट्री
यहां की धूपगढ़ चोटी समुद्र तल से लगभग 1,350 मीटर (4,429 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है। यह स्थल सतपुड़ा पर्वतमाला का प्रमुख आकर्षण है। धूपगढ़ से दिखाई देने वाला सूर्योदय और सूर्यास्त न केवल पर्यटकों को मंत्रमुग्ध करता है, बल्कि यह स्थल गोंड साम्राज्य की रणनीतिक शक्ति और प्राकृतिक संरक्षण दृष्टिकोण को भी दर्शाता है। पचमढ़ी मध्यप्रदेश का एकमात्र हिल स्टेशन भी है।
मंत्रि-परिषद की बैठक का आयोजन प्रशासनिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। यह पचमढ़ी की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक एवं प्राकृतिक विरासत को सम्मानित करने का अवसर है। दरअसल, राज्य सरकार लगातार विभिन्न ऐतिहासिक स्थलों पर कैबिनेट की बैठकें कर रही है। अभी हाल ही में रानी अहिल्याबाई की 300वीं जयंती से पहले कैबिनेट की बैठक इंदौर के राजबाड़ा में आयोजित की गई थी। इतना ही नहीं, मंत्रिमंडल के सदस्यों ने इंदौर के विभिन्न स्थानों का भ्रमण भी किया था।