Madhya Pradesh: संबल योजना में 23 हजार श्रमिक परिवारों को 550 करोड़ की सहायता - Punjab Kesari
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Madhya Pradesh: संबल योजना में 23 हजार श्रमिक परिवारों को 550 करोड़ की सहायता

संबल योजना में श्रमिक परिवारों को मिली आर्थिक सहायता

मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना के तहत 23 हजार श्रमिक परिवारों को 550 करोड़ रुपये की सहायता दी गई। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि श्रमिक प्रदेश के विकास की नींव हैं और इस योजना से उन्हें मुश्किल समय में सहारा मिलता है। राज्य सरकार गरीब और श्रमिक वर्ग के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है।

मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना के अंतर्गत शुक्रवार को राज्य के 23 हजार से अधिक श्रमिक परिवारों के खातों में 550 करोड़ रुपये की राशि सिंगल क्लिक से ट्रांसफर की गई। इस अवसर पर सीएम मोहन यादव ने कहा कि परिश्रम से अपने और अपने परिवार का जीवन चलाने वाले श्रमिक ही प्रदेश के विकास की नींव हैं। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने ‘संबल’ योजना की राशि ट्रांसफर करते हुए कहा कि रोटी, कपड़ा और मकान जैसी मूलभूत आवश्यकताओं के अलावा भी ऐसी जरूरतें होती हैं, जिनके लिए पैसा जरूरी है। प्रसूति, बीमारी, दिव्यांगता और किसी अपने को खो देने जैसे मुश्किल समय में कई बार हम स्वयं को असहाय महसूस करते हैं।

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उन्होंने कहा कि संबल योजना ऐसे ही मुश्किल वक्त में जरूरतमंदों के आंसू पोछती है और उन्हें सहारा प्रदान करती है। राज्य सरकार प्रदेश के गरीब और श्रमिक वर्ग के कल्याण तथा उनका भाग्य बदलने के लिए दृढ़ संकल्पों के साथ कार्य कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प की भावना के अनुरूप अंत्योदय के कल्याण के संकल्प को प्रदेश में क्रियान्वित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि परिश्रम से अपने और अपने परिवार का जीवन चलाने वाले श्रमिक ही प्रदेश के विकास की नींव हैं। परिश्रम से ही हमारी प्रतिभा निखरती है और आने वाली पीढ़ी के सुखद भविष्य का मार्ग भी बनता है। राज्य सरकार ने जरूरतमंद बच्चों की पढ़ाई के लिए पर्याप्त व्यवस्था की है। पढ़ाई में अच्छा कर रहे विद्यार्थियों को स्कूटी और लैपटॉप देकर प्रोत्साहित भी किया जा रहा है। राज्य सरकार का प्रयास है कि सभी प्रदेशवासियों का जीवन बेहतर हो। हर परिवार में सुख के सूरज का उदय हो और आनंद और वैभव के साथ सभी जीवन व्यतीत करें।

उन्होंने बताया कि संबल योजना में अब तक 6 लाख 58 हजार से अधिक परिवारों को 5,927 करोड़ रुपये से अधिक के हितलाभ दिए जा चुके हैं। राज्य सरकार ने गिग और प्लेटफार्म वर्कर्स को असंगठित श्रमिक मानते हुए एक मार्च 2024 से उन्हें संबल योजना में शामिल करने का निर्णय लिया है। प्रधानमंत्री मोदी की पहल पर सभी संबल हितग्राहियों को आयुष्मान भारत निरामय योजना में शामिल किया गया है। गरीब बहनों को गर्भावस्था के समय काम पर न जाना पड़े और उन्हें पोषण भी मिलता रहे, यह सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार ने ऐसी बहनों को 16 हजार रुपये देने की व्यवस्था की है।

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में अंजली रैकवार के पति के निधन पर चार लाख रुपये तथा शेष चार हितग्राहियों को दो-दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई। मुख्यमंत्री से वर्चुअली संवाद में मंदसौर की अंजली रैकवार ने बताया कि इस सहायता से उन्हें पर्याप्त सहारा मिला और वह अब ब्यूटी पार्लर का कार्य सीख रही हैं।

शहडोल की मन्नू ढीमर ने बताया कि वह छोटी किराना दुकान संचालित कर रही हैं। दतिया की कल्लन वाल्मीक, सीहोर की शिव कुमारी और खरगोन की प्रेमलता कर्मा ने बताया कि संबल योजना में मिली सहायता से परिवार के लालन-पालन और बच्चों की पढ़ाई में मदद मिली है। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में जुड़े सभी हितग्राहियों से लाडली बहना योजना, आयुष्मान योजना, खाद्यान्न पर्ची, उज्जवला योजना जैसी सभी कल्याणकारी योजनाओं से जुड़ने का आह्वान किया।

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