उत्तराखंड विधानसभा ने उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि सुधार अधिनियम, 1950, संशोधन विधेयक, 2025 पारित कर दिया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य को ‘नवाचार’ की ओर ले जाने के लिए अपनी सरकार द्वारा किए गए ‘ऐतिहासिक निर्णयों’ की श्रृंखला के हिस्से के रूप में विधेयक पारित करने की सराहना की। CM धामी ने कहा कि हमने राज्य में ऐतिहासिक फैसले लिए हैं, जिसमें समान नागरिक संहिता को लागू करना भी शामिल है। हम युवाओं के लिए देश का सबसे सख्त धोखाधड़ी विरोधी कानून लेकर आए हैं। हमने धर्मांतरण और दंगों को रोकने के लिए कानून बनाए हैं। हम राज्य को नवाचार की ओर ले जा रहे हैं।
विधानसभा में सख्त भू-कानून (उत्तराखंड उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम, 1950 संशोधन विधेयक, 2025) के ध्वनिमत से पारित होने पर माननीय मंत्रीगण व विधायकगणों ने भेंट कर बधाई व शुभकामनाएँ दी।
यह संशोधन जनभावनाओं का प्रतिबिंब है। हमारी सरकार प्रदेश की सांस्कृतिक… pic.twitter.com/TlgNkvaBIG
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) February 21, 2025
CM धामी ने कहा कि हम जो कहते हैं उसे पूरा करने की कोशिश करते हैं और भूमि सुधार कानून भी उसी दिशा में उठाया गया एक कदम है। विधानसभा में विधेयक पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि संशोधन भूमि सुधारों का अंत नहीं बल्कि शुरुआत है। राज्य सरकार ने जनभावनाओं के अनुरूप भूमि सुधारों की नींव रखी है और भविष्य में भी भूमि प्रबंधन एवं सुधारों पर कार्य जारी रहेगा।
CM धामी ने कहा कि राज्य सरकार ने जनता की अपेक्षाओं एवं भावनाओं के अनुरूप कार्य किया है। सरकार कई नये महत्वपूर्ण मामलों पर ऐतिहासिक निर्णय ले रही है। सरकार उत्तराखंड के संसाधनों एवं भूमि को भू-माफियाओं से बचाने के लिए प्रतिबद्ध है। जिस उद्देश्य से लोगों ने जमीन खरीदी है, उसका उपयोग नहीं बल्कि दुरुपयोग हुआ है, यह चिंता हमेशा मन में रही है। उत्तराखंड में पर्वतीय क्षेत्रों के साथ मैदानी क्षेत्र भी हैं। जिससे भौगोलिक परिस्थितियां एवं चुनौतियां अलग अलग हैं। पिछले कुछ वर्षों में देखा गया कि राज्य में लोग विभिन्न उपक्रमों के माध्यम से स्थानीय लोगों को रोजगार देने के नाम पर भूमि खरीद रहे थे। भूमि प्रबंधन एवं भूमि सुधार अधिनियम बनने के बाद इस पर पूरी तरह अंकुश लगेगा।