टैरिफ नहीं दवा है... शेयर बाजार में हाहाकार के बीच ट्रंप ने अपनी नीतियों को ठहराया सही - Punjab Kesari
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टैरिफ नहीं दवा है… शेयर बाजार में हाहाकार के बीच ट्रंप ने अपनी नीतियों को ठहराया सही

रेसिप्रोकल टैरिफ पर समझौता करने को बेताब दुनिया के नेता

सोमवार को एशियाई शेयर बाजारों में भारी गिरावट के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी टैरिफ नीतियों का बचाव किया। ट्रंप ने कहा कि यह बाजार की परेशानी एक जरूरी ‘दवा’ है जो दीर्घकालिक व्यापार असंतुलन को ठीक करेगी। उन्होंने जोर दिया कि कई देश व्यापार समझौते के लिए तैयार हैं।

सोमवार को ग्लोबल मार्केट खासतौर से एशियाई शेयर बाजारों में गिरावट के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी विवादास्पद टैरिफ नीतियों का बचाव किया। उन्होंने कहा कि दुनिया के नेता ‘रेसिप्रोकल टैरिफ’ पर ‘समझौता करने के लिए बेताब हैं। सोमवार को एशियाई बाजारों में दिन की शुरुआत भारी गिरावट के साथ हुई। हालांकि ट्रंप ने आशंकाओं को कम करने की कोशिश की और सुझाव दिया कि उनके टैरिफ के कारण बाजार को जो परेशानी हुई, वह दीर्घकालिक व्यापार असंतुलन को ठीक करने के लिए एक जरूरी ‘दवा’ है।

Share Market Crash: एशियाई बाजारों में ट्रम्प के टैरिफ के बाद हाहाकार

बाजार में उतार-चढ़ाव का जिक्र करते हुए ट्रंप ने कहा, “कभी-कभी आपको किसी चीज को ठीक करने के लिए दवा लेनी पड़ती है। एयर फोर्स वन में पत्रकारों से बात करते हुए, अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि वह वीकेंड में विश्व नेताओं के संपर्क में थे । उन्होंने दावा किया कि कई देश समझौता करना चाहते हैं। वैश्विक बाजारों में भारी नुकसान के बावजूद, ट्रंप प्रशासन ने अपनी आक्रामक टैरिफ रणनीति से पीछे हटने का कोई संकेत नहीं दिया।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ट्रंप ने कहा, “बाजारों का क्या होगा, मैं आपको नहीं बता सकता। लेकिन हमारा देश कहीं ज़्यादा मज़बूत है।इस बीच ट्रंप के टैरिफ के जवाब में चीन ने विशेष रूप से जवाबी कार्रवाई की घोषणा की, जिससे व्यापार युद्ध बढ़ने की चिंता और बढ़ गई। अर्थशास्त्रियों ने चेतावनी दी कि अगर अमेरिका अपने मौजूदा रास्ते पर चलता रहा, तो वैश्विक अर्थव्यवस्था को गंभीर मंदी का सामना करना पड़ सकता है।

जेपी मॉर्गन के मुख्य अर्थशास्त्री ब्रूस कासमैन ने मंदी के जोखिम को 60 प्रतिशत बताया। एक्सपर्ट्स बाजारों में उथल-पुथल की 1987 के ‘ब्लैक मंडे’ क्रैश से तुलना कर रहे हैं, उस वक्त वैश्विक बाजारों ने एक ही दिन में 1.71 ट्रिलियन डॉलर खो दिए थे। सीएनबीसी के जिम क्रैमर ने चेतावनी दी कि यदि ट्रंप की व्यापार नीतियां जारी रहती हैं, तो बाजारों को इसी तरह की भयावह घटना का सामना करना पड़ता है। चूंकि बाजार एक और अस्थिर सप्ताह के लिए तैयार हैं, इसलिए सभी की निगाहें व्हाइट हाउस और चल रहे व्यापार संघर्ष में अगले कदमों पर टिकी हुई हैं।

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