इजराइल और ईरान के बीच तनाव के चलते इजराइल ने ‘ऑपरेशन राइजिंग लायन’ शुरू किया, जिसमें ईरान के परमाणु केंद्रों और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया गया. इस अभियान में 400 से अधिक लोग मारे गए, जबकि ईरान की जवाबी कार्रवाई कमजोर साबित हुई.
Israel-Iran War: इजराइल और ईरान के बीच तनाव चरम पर है. इस बीच 13 जून 2025 को इजराइल द्वारा शुरू किए गए ‘ऑपरेशन राइजिंग लायन’ ने ईरान के खिलाफ उसकी सैन्य श्रेष्ठता को स्पष्ट रूप से दर्शाने का काम किया है. अपने इस अभियान में इजराइल ने ईरान के परमाणु केंद्रों, सैन्य ठिकानों और उच्च स्तरीय नेतृत्व को निशाना बनाया, जिसमें 400 से अधिक लोग मारे गए.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस दौरान ईरान की जवाबी कार्रवाई कमजोर साबित हुई और उसकी सिक्योरिटी सिस्टम की खामियां सबके सामने आ गईं. आइए जानते हैं इजराइल के वो सबसे 5 घताक हथियार के बारे में जिसके सामने ईरान की एक नहीं चल पा रही है.
इजराइल के पांच सबसे घातक हथियार
1. एफ-35आई ‘अदीर’ स्टील्थ जेट
यह उन्नत फाइटर जेट अमेरिकी एफ-35 पर आधारित है, जिसमें अत्याधुनिक इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर तकनीक, सेंसर फ्यूजन और हेलमेट डिस्प्ले है. यह 2,200 किमी की रेंज और 8,160 किलो हथियार ले जाने में सक्षम है. इसके ज़रिए नतांज और फोर्डो जैसे परमाणु ठिकानों पर सटीक हमले किए गए.
2. जीबीयू-39/बी स्मॉल डायमीटर बम (SDB)
यह हल्का लेकिन बेहद सटीक बम है, जो 110 किमी तक की दूरी से लक्ष्य को भेद सकता है. यह ठोस संरचनाओं को भेदने में सक्षम है और इसे एफ-16 व एफ-35 से आसानी से लॉन्च किया जा सकता है. इसने मिसाइल साइलो और कमांड केंद्रों को नुकसान पहुंचाया.
3. जेरिको-3 बैलिस्टिक मिसाइल
इजराइल की यह मिसाइल 6,500 किमी तक मार करने में सक्षम है और पारंपरिक या परमाणु वारहेड ले जा सकती है. हालांकि इसके इस्तेमाल की पुष्टि नहीं हुई, फिर भी इसकी मौजूदगी ने ईरान की रणनीतिक योजना पर असर डाला.
4. स्पाइक एंटी-टैंक मिसाइल
यह लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइल है जो ग्राउंड यूनिट, हेलिकॉप्टर या ड्रोन से छोड़ी जा सकती है. इसका उपयोग कर IRGC कमांडरों और नौ परमाणु वैज्ञानिकों को टारगेट किया गया, जिससे ईरान की सैन्य कमान कमजोर हुई.
5. हेरॉन टीपी ड्रोन
यह उच्च ऊंचाई पर लंबी उड़ान भरने वाला ड्रोन है जो निगरानी व हमले दोनों के लिए सक्षम है. इसने ईरानी मिसाइल लॉन्चर ढूंढने और एफ-35 जेट्स को वास्तविक समय में सूचना देने का कार्य किया.
ईरान के सिक्योरिटी सिस्टम की बड़ी कमियां
1. पुरानी हवाई रक्षा प्रणाली
ईरान की वायु सुरक्षा प्रणाली में एस-300 और बावर-373 जैसे पुराने सिस्टम हैं, जो इजराइली स्टील्थ तकनीक का मुकाबला नहीं कर पाए.
2. कमजोर वायुसेना
ईरान के पास पुराने अमेरिकी और सोवियत विमानों का बेड़ा है जो इजराइल के आधुनिक विमानों के सामने टिक नहीं सका.
3. असुरक्षित परमाणु केंद्र
नतांज और फोर्डो जैसे केंद्र सुरक्षा के बावजूद हमलों से बचे नहीं. बिजली कटौती और सटीक हमलों से भारी नुकसान हुआ.
4. मिसाइल सिस्टम की असफलता
ईरान की अधिकांश बैलिस्टिक मिसाइलें या तो इंटरसेप्ट कर ली गईं या लॉन्च से पहले ही नष्ट हो गईं.
5. कमांड ढांचे की गिरावट
वरिष्ठ सैन्य नेताओं की मौत और आंतरिक राजनीतिक दबाव ने ईरान की जवाबी रणनीति को असंगठित कर दिया.
बड़े शहरों को निशाना बनाने के पीछे के कारण
तेहरान, इस्फहान, शिराज और तबरिज जैसे शहर हमलों के निशाने पर इसलिए थे क्योंकि:
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भौगोलिक फैलाव से हर क्षेत्र की सुरक्षा मुश्किल है.
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तेल और सरकारी ढांचे जैसे संवेदनशील स्थान शहरी क्षेत्रों में हैं.
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मोसाद के खुफिया सहयोग से हमलों की सटीकता बढ़ी.
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