रोम में होगी ईरान-अमेरिका वार्ता, परमाणु मुद्दे पर चर्चा - Punjab Kesari
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रोम में होगी ईरान-अमेरिका वार्ता, परमाणु मुद्दे पर चर्चा

वार्ता में तेहरान की मांगों का विरोध करेगा अमेरिका

रोम में अमेरिका-ईरान वार्ता का पांचवा दौर आयोजित होगा, जिसमें परमाणु कार्यक्रम और अमेरिकी प्रतिबंधों पर चर्चा होगी। ओमान द्वारा संचालित इस वार्ता का उद्देश्य रुकी हुई कूटनीति को पुनर्जीवित करना है। तेहरान ने वार्ता में भाग लेने पर विचार करते हुए कहा कि वह अत्यधिक मांगों का विरोध करेगा, लेकिन कूटनीति को कभी नहीं छोड़ेगा।

ओमान के विदेश मंत्री सैयद बद्र बिन हमद बिन हमूद अलबुसैदी ने कहा कि अमेरिका और ईरान के बीच पांचवे दौर की अप्रत्यक्ष वार्ता शुक्रवार को रोम में होगी। यह घोषणा उनके आधिकारिक एक्स अकाउंट पर एक पोस्ट में दी गई। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, ईरान के परमाणु कार्यक्रम और अमेरिकी प्रतिबंधों को लेकर रुकी हुई कूटनीति को पुनर्जीवित करने के उद्देश्य से यह वार्ता ओमान द्वारा संचालित की जा रही है। दोनों के बीच अप्रैल से अब तक चार दौर की वार्ताएं हो चुकी हैं, जिनमें से तीन मस्कट में और एक रोम में हुई। ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी इरना के अनुसार, ईरानी विदेश मंत्री सेयद अब्बास अराघची ने बुधवार को कहा कि तेहरान अभी भी विचार कर रहा है कि अमेरिका की “अत्यधिक मांगों” के सामने आगामी वार्ता में भाग लेना है या नहीं। उन्होंने कहा, “हम बातचीत की मेज पर अत्यधिक मांगों का विरोध करेंगे, लेकिन हमने कभी कूटनीति को छोड़ा नहीं है।” और यह भी कहा कि समझौता हो या न हो, यूरेनियम संवर्धन जारी रहेगा।

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उन्होंने दोहराया कि ईरान अपने परमाणु गतिविधियों में पारदर्शिता की पेशकश करने के लिए तैयार है, लेकिन उम्मीद है कि इस वार्ता में अमेरिकी प्रतिबंधों और देश पर लगाए गए प्रतिबंध को हटाने पर भी चर्चा होगी। बुधवार को ईरानी प्रथम उपराष्ट्रपति मोहम्मद-रजा आरेफ ने तेहरान में एक कैबिनेट बैठक में कहा कि ईरान की जमीन पर यूरेनियम संवर्धन वो “लाल रेखा” है, जो अमेरिका के साथ अपनी अप्रत्यक्ष वार्ता के आड़े आ रही है। अमेरिकी और ईरानी अधिकारियों ने 11 मई को मस्कट में हुई पिछली वार्ता को “कठिन लेकिन उपयोगी” बताया, जिसमें मतभेदों के बावजूद सामान्य रूप से सकारात्मक माहौल रहा।

हाल के दिनों में अमेरिकी अधिकारियों ने ईरान से यूरेनियम संवर्धन को पूरी तरह रोकने की मांग की है, जिसे तेहरान ने बार-बार खारिज किया है। हाल के दिनों में अमेरिकी अधिकारियों ने ईरान से यूरेनियम संवर्धन पूरी तरह से रोकने का आह्वान किया है, यह एक ऐसा मुद्दा है, जिसे तेहरान सिरे से नकारता रहा है। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने इस सप्ताह वार्ता पर भी संदेह जताते हुए कहा, “हमें नहीं लगता कि इससे कोई नतीजा निकलेगा। हमें नहीं पता कि क्या होगा। खामेनेई ने कहा कि ईरान के यूरेनियम संवर्धन के अधिकार को नकारना “एक बड़ी भूल” थी।

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