भारत ने Isabgol निर्यात में रचा इतिहास, जानें इसके उपयोग - Punjab Kesari
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भारत ने Isabgol निर्यात में रचा इतिहास, जानें इसके उपयोग

गुजरात, मध्यप्रदेश, राजस्थान में बढ़ा इसबगोल का उत्पादन, निर्यात में अग्रणी

इसबगोल, जिसे ‘प्लांटैगो ओवाटा’ या ‘साइलियम हस्क’ भी कहा जाता है, पर्शिया में उत्पन्न हुआ लेकिन भारत ने इसके निर्यात में महारत हासिल की है। यह पाचन तंत्र, हृदय स्वास्थ्य, और त्वचा के लिए लाभकारी है। हालांकि, इसका सेवन करते समय खूब पानी पीना चाहिए और डायबिटीज के मरीजों को डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।

दशकों से टीवी स्क्रीन पर विज्ञापनों के जरिए या फिर सेहत को लेकर हुई परिचर्चा में इस भूसी के बारे में सुनते आए हैं। मूल रूप से ये पर्शिया की है लेकिन भारत ने भी इसके निर्यात में इतिहास रच डाला है। नाम है इसका इसबगोल। जितना इंटरेस्टिंग इसका नाम है, उतनी ही इसकी उत्पत्ति की कथा है!

इसके नाम की कहानी ‘घोड़े के कान’ से जुड़ी है। वो ऐसे कि फारसी में इसबगोल का मतलब ही होता है घोड़े का कान। चूंकि इसकी पत्तियों का आकार कुछ वैसा ही होता है, इसलिए नाम पड़ गया इसबगोल। इसका पौधा एक मीटर तक ऊंचा होता है, पत्ते लंबे किंतु कम चौड़े और धान के पत्तों के समान दिखते हैं।

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अब क्योंकि फारसी में इसबगोल का अर्थ समझ में आता है, तो इसलिए मान लिया गया कि इसकी पैदावार पर्शिया (ईरान) में ही हुई होगी। आज नहीं, सैकड़ों वर्षों से इसका प्रयोग पाचन तंत्र को दुरुस्त करने के लिए होता रहा है। रोचक तथ्य, जैसा कि पहले ही बताया जा चुका है, इसके निर्यात को लेकर है। भले ही ईरान में इसका जन्म हुआ हो, लेकिन भारत ने इसकी भूसी को सबसे ज्यादा बाहर बेचने में महारत हासिल कर ली है। गुजरात, मध्यप्रदेश और राजस्थान में इसका उत्पादन अधिक मात्रा में किया जाता है। अब आते हैं इसके साइंटिफिक नाम पर, तो इसे ‘प्लांटैगो ओवाटा’ कहते हैं और एक नाम ‘साइलियम हस्क’ भी है।

इस हस्क यानि भूसी को प्रयोग करने की सलाह चिकित्सक लंबे समय से देते आए हैं। प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति के विशेषज्ञों की राय है कि इसका सही से प्रयोग किया जाए, तो वेट लॉस में भी मदद मिलती है। इस्तेमाल से पहले चिकित्सीय सलाह की बात भी कहते हैं। वैसे तो इसका सेवन आमतौर पर सुरक्षित होता है, लेकिन कुछ सावधानियां तो बरतनी ही पड़ती हैं। जैसे, खूब पानी पीना चाहिए।

इसबगोल भूसी का सेवन शरीर में रक्त शर्करा का स्तर घटा सकता है, इसलिए अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं, तो डॉक्टर की सलाह महत्वपूर्ण है। अगर आप लंबे समय तक इसबगोल का सेवन करते हैं, तो शरीर में कुछ मिनरल्स और विटामिंस का अवशोषण धीमा हो सकता है।

निष्कर्ष कई हैं, जैसे कि इसके सेवन से हृदय स्वास्थ्य बेहतर होता है, पाचन तंत्र मजबूत होता है, डायरिया और गैस बनाने की समस्या से राहत मिलती है, बालों का विकास होता है, त्वचा साफ और सुंदर बनती है। नियमित रूप से इसबगोल का सेवन करना आपके समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है। ध्यान देने वाली बात ये है कि इसबगोल के फायदे और नुकसान दोनों हैं। अगर आप इसका सेवन करने जा रहे हैं, तो अधिकाधिक मात्रा में पानी पिएं, वरना यह पेट और गले संबंधित कई दिक्कतों को जन्म दे सकता है। इसके अलावा, अगर आप डायबिटिक हैं, तो बिना डॉक्टर की सलाह के इसका सेवन न करें।

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