Iraq Marriage Age : इराक में विवाह कानून में बड़े संशोधन होने वाले हैं। प्रस्तावित बिल के अनुसार पुरुषों को 9 साल की उम्र की लड़कियों से शादी करने की कानून इजाजत रहेगी। इसके अलावा महिलाओं को तलाक, बच्चों की देखभाल और विरासत के अधिकार से वंचित किए जाने की तैयारी है। बिल की बात बाहर आने के साथ अधिकार कार्यकर्ताओं में आक्रोश फैल गया है। बता दें, देश के व्यक्तिगत स्थिति कानून, जिसे कानून 188 के रूप में जाना जाता है, उसे संसद संशोधित करने में जुटा है।
इस्लामी शरिया कानून के अनुरूप संशोधन : सरकार
कई मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि यह विधेयक जनता को पारिवारिक केस में निर्णय लेने को धार्मिक अधिकारियों या नागरिक न्यायपालिका को चुनने की मंजूरी देगा। शिया पार्टियों के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार ने कहा है कि प्रस्तावित संशोधन इस्लामी शरिया कानून की सख्य व्याख्या के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य लड़कियों को ‘अनैतिक संबंधों’ से बचाने के प्रयास में प्रस्तावित संशोधन पारित करना है।
अधिकार समूह भड़के
प्रस्तावित परिवर्तन महिलाओं की कानूनी सुरक्षा को लेकर चिंताएं पैदा कर रहा है। थिंक टैंक चैथम हाउस के डॉ. रेनाड मंसूर ने चेतावनी दी है कि यह कदम धार्मिक अधिकार को मजबूत और सत्ता पर पकड़ मजबूत करने की व्यापक राजनीति है। कार्यकर्ताओं को डर है कि संशोधन से देश में लैंगिक समानता कमजोर होगी। सांप्रदायिक विभाजन बढ़ जाएगा। महिला अधिकार समूहों जैसे ‘गठबंधन 188’ ने सरकार के प्रयासों को ‘बच्चियों से बलात्कार’ को वैध बनाने जैसा बताया।
बिल को लेकर चिंताएं कैसी?
इस प्रस्ताव को लेकर घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इराक की आलोचना हो रही। ह्यूमन राइट्स वॉच की सारा सनबर ने कहा है कि ये बदलाव सामाजिक विभाजन को और गहरा देंगे। यह महिलाओं को दुर्व्यवहार का शिकार होने को और कमजोर बनाएगा। कई इराकियों को चिंता है कि इससे दशकों की सामाजिक प्रगति प्रभावित होगी।
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