पूर्व पाकिस्तान प्रधानमंत्री इमरान खान को दूसरी बार नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया गया है। मानवाधिकार और लोकतंत्र के लिए उनके प्रयासों को मान्यता मिली है। हालांकि, वे इस समय भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में बंद हैं।
पूर्व पाकिस्तान प्रधानमंत्री इमरान खान इस समय जेल में बंद है, लेकिन हैरानी वाली बात है कि इमरान खान को दूसरी बार नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नॉमिनेट किया गया है। इमरान खान को मानवाधिकार और लोकतंत्र के लिए उनकी कोशिशों के लिए नोबेल पीस प्राइज के लिए नॉमिनेट किया गया है। पाकिस्तान वर्ल्ड अलायंस और नॉर्वेजियन राजनीतिक पार्टी की ओर से यह घोषणा की गई है। इससे पहले इमरान खान को 2019 में भी नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया गया था।
पार्टी सेंट्रम ने दी जानकारी
पार्टी सेंट्रम ने एक्स के बारे में जानकारी देते हुए कहा, “हमें पार्टी सेंट्रम की ओर से यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि नामांकन के अधिकार वाले किसी भी व्यक्ति के साथ गठबंधन में, पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को पाकिस्तान में मानवाधिकारों और लोकतंत्र के लिए उनके काम के लिए नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया गया है।”
Nominated for the Nobel Peace Prize: Peace, Justice, and a Sustainable Future – written by PWA member, journalist and politician from Oslo, Shoaib Sultan @ShoaibSultan Mar 29, 2025https://t.co/GrejZVnD7P pic.twitter.com/0jS0Ts3LPR
— Pakistan World Alliance (PWA) (@MediaCentrePWA) March 29, 2025
2019 में भी हुए थे नामित
आपको बता दें, इमरान खान को 2019 में भारत के साथ तनाव कम करने के लिए उनके कथित प्रयासों के लिए शांति पुरस्कार के लिए नामित किया गया था और उनके समर्थन के संबंध में एक प्रस्ताव पाकिस्तान की संसद में प्रस्तुत किया गया था। प्रस्ताव में कहा गया था कि भारतीय विमान को गिराए जाने के बाद बंदी बनाए गए भारतीय वायु सेना के पायलट विंग कमांडर अभिनंदन वर्थमान को रिहा करने के इमरान खान के फैसले ने पाकिस्तान और भारत के बीच दुश्मनी को कम करने का काम किया।
जेल की सजा काट रहे इमरान खान
पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ के संस्थापक इमरान खान इस समय कई मामलों में पाकिस्तान की जेल में बंद हैं। इमरान खान अगस्त 2023 से रावलपिंडी की अदियाला जेल में बंद हैं। उन्हें सत्ता के दुरुपयोग और भ्रष्टाचार के आरोपों में 14 साल की सजा मिली थी। इससे पहले अप्रैल 2022 में अविश्वास मत के बाद उन्हें सत्ता से हटा दिया गया था।
बता दें हर साल नोबेल समिति को सैकड़ों नॉमिनेशन प्राप्त होते हैं, जिसके बाद आठ महीने बाद विजेता के नाम की घोषणा होती है।
कश्मीर भूलकर भारत से दोस्ती करो वरना…, Donald Trump की Shehbaz Sharif को नसीहत