माइग्रेन और कब्ज के लिए आयुर्वेद में दूर्वा का महत्व - Punjab Kesari
Girl in a jacket

माइग्रेन और कब्ज के लिए आयुर्वेद में दूर्वा का महत्व

हरी दूर्वा: आयुर्वेद की चमत्कारी जड़ी-बूटी

दूर्वा घास आयुर्वेद में माइग्रेन और कब्ज जैसी समस्याओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। इसके औषधीय गुणों से सिरदर्द, रक्तचाप और तनाव में राहत मिलती है। दूर्वा का रस पीने से एनीमिया और मासिक धर्म के दर्द में भी फायदा होता है।

हरी-हरी कोमल दूब के बिना गणपति बप्पा की पूजा अधूरी मानी जाती है। दूर्वा या दूब केवल धर्म में ही नहीं, बल्कि आयुर्वेद में भी काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है। औषधीय गुणों से भरपूर दूर्वा सिर में होने वाले असहनीय दर्द माइग्रेन के साथ ही कब्ज की समस्या को भी दूर करने में सक्षम है। आयुर्वेदाचार्य दूर्वा को गुणों की खान बताते हैं।

मखमली दूर्वा बगीचे के सौंदर्य को बढ़ाने के साथ ही सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद मानी जाती है। इस घास पर सुबह, शाम नंगे पांव चलने से रक्तचाप, माइग्रेन, तनाव जैसी समस्याओं से राहत मिलती है, साथ ही आंखों की रोशनी भी बढ़ती है।

durva grass for weight loss

पंजाब स्थित बाबे के आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल के डॉक्टर प्रमोद आनंद तिवारी (एमडी) ने बताया, “आयुर्वेद में दूब या दूर्वा को औषधि और गुणों की खान कहा जाता है। पेट के रोगों, मानसिक शांति के लिए यह फायदेमंद है। दूब के रस को पीने से एनीमिया की समस्या ठीक हो सकती है। यह हीमोग्लोबिन के स्तर को भी बढ़ाता है।“

उन्होंने बताया कि गुणों की खान कही जाने वाली दूब में कैल्शियम, आयरन, फास्फोरस के साथ फाइबर, प्रोटीन और पोटैशियम भी पाए जाते हैं।

आयुर्वेदाचार्य ने बताया, “दूब या दूर्वा प्रायः पार्क में बिछी मिल जाती है। सुबह-शाम नंगे पांव इस हरी घास पर चलने से माइग्रेन का दर्द दूर होता है। इससे रक्तचाप नियंत्रित होता है और आंखों की रोशनी भी बढ़ती है। दूर्वा हृदय के लिए भी बेहद फायदेमंद है।“

Health: गर्मियों में सेहत को बेहतर बनाए रखेगा नारियल, जानें रोज खाने के फायदे

आयुर्वेदाचार्य ने बताया कि दूब का सेवन कैसे करना चाहिए। उन्होंने बताया, “ताजी दूर्वा घास को पीसकर उसके रस को पीने से कई समस्याएं कोसों दूर भाग जाती हैं। दूब के सेवन से इम्यूनिटी न केवल मजबूत होती है, बल्कि इससे महिलाओं को होने वाले मासिक धर्म के दर्द में भी राहत मिलती है और कब्ज की समस्या से भी मुक्ति मिल जाती है।”

उन्होंने बताया, “आपको माइग्रेन या सिरदर्द की शिकायत रहती है तो सुबह-शाम नंगे पांव टहलने के साथ ही दूब के जूस के सेवन करने से भी लाभ मिलता है। शरीर में ऐंठन और दर्द हो या दांतों में दर्द हो, मसूड़ों से खून आ रहा हो, मुंह में छाले हो गए हों तो शहद या घी के साथ दूब के रस को मिलाकर लेने से भी तुरंत राहत मिलती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *


Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।