समाजवादी पार्टी सांसद जियाउर्रहमान बर्क के संभल के दीपा सराय क्षेत्र स्थित मकान के कथित अवैध निर्माण के मामले में एसडीएम कोर्ट ने एक और सप्ताह का समय प्रदान किया है। इस मामले में अब अगली सुनवाई 30 जनवरी को होगी।
यह ध्यान देने योग्य है कि इससे पहले, 16 जनवरी को भी एसडीएम कोर्ट ने उन्हें एक सप्ताह का समय दिया था। अदालत ने यह समय उन्हें मामले में आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करने या जवाब दाखिल करने के लिए दिया है।
यह मामला अवैध निर्माण के आरोपों से जुड़ा है, जो स्थानीय प्रशासन और कानून-व्यवस्था से संबंधित है। अब देखना होगा कि आगामी सुनवाई में क्या प्रगति होती है।
एसडीएम वंदना मिश्रा ने अवर अभियंता को भी नोटिस किया जारी
इस मामले में, सांसद जियाउर्रहमान बर्क की ओर से उनके वकील ने एसडीएम कोर्ट में पेश होकर प्रार्थना पत्र दिया, जिसमें दावा किया गया कि अवर अभियंता द्वारा उनके निर्माण को “नवनिर्माण” बताया गया है, जबकि वह नवनिर्माण नहीं है।
इस पर विचार करते हुए, एसडीएम वंदना मिश्रा ने अवर अभियंता को भी नोटिस जारी किया है। इससे स्पष्ट होता है कि अदालत इस मामले में दोनों पक्षों के दावों की पूरी तरह से जांच करना चाहती है।
अवर अभियंता को नोटिस जारी होने से यह मामला और गंभीर हो गया है, क्योंकि अब प्रशासनिक अधिकारियों को भी अपने द्वारा की गई रिपोर्ट का विवरण और साक्ष्य प्रस्तुत करना होगा। आगामी सुनवाई में इस विषय पर और अधिक जानकारी मिलने की संभावना है।
अगली तारीख 30 जनवरी
बता दे कि एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि इस मामले में पक्ष की तरफ से उनके वकील ने हमें नवनिर्माण की बात पर एक प्रार्थना पत्र दिया था। प्रार्थना पत्र में कहा गया है कि अवर अभियंता ने रिपोर्ट दी है कि यह नव निर्माण है, लेकिन वह नव निर्माण नहीं है। उसके संबंध में हम अवर अभियंता को नोटिस जारी कर रहे हैं। नगरपालिका परिषद में जो संपत्ति अंकित है उसमें दो ही नाम हैं। उसमें जियाउर्रहमान बर्क का नाम अंकित है। इसलिए हमने उनके नाम पर नोटिस भेजा। इस मामले में उन्हें अगली तारीख 30 जनवरी दी गई है।
जानिए ! क्या है पूरा मामला
उल्लेखनीय है कि इससे पहले उपजिलाधिकारी द्वारा सांसद जियाउर्रहमान बर्क को बिना अनुमति निर्माण करने पर नोटिस जारी किया गया था। नोटिस में कहा गया था कि दीपा सराय में चल रहे निर्माण कार्य का नक्शा पास नहीं कराया गया है, जो उत्तर प्रदेश रेगुलेशन ऑफ बिल्डिंग ऑपरेशन एक्ट 1958 का उल्लंघन है। इसके लिए पहले 17 जनवरी का समय निर्धारित किया गया था। उसके बाद 23 जनवरी का समय दिया गया, और अब एक सप्ताह का और समय सांसद को दिया गया है। इस मामले की अगली सुनवाई 30 जनवरी को होगी।