'प्रस्ताव नहीं मानना, तो हमले के लिए तैयार रहे...', सऊदी ने ईरान को क्यों दी ये चेतावनी? - Punjab Kesari
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‘प्रस्ताव नहीं मानना, तो हमले के लिए तैयार रहे…’, सऊदी ने ईरान को क्यों दी ये चेतावनी?

तेहरान में सऊदी के प्रिंस खालिद ने दी ईरान को सख्त चेतावनी

सऊदी अरब ने ईरान को चेतावनी दी है कि अगर वह अमेरिका के प्रस्ताव को गंभीरता से नहीं लेता, तो उसे इजराइली हमले के लिए तैयार रहना चाहिए। सऊदी रक्षा मंत्री प्रिंस खालिद ने तेहरान में ईरानी नेताओं से मुलाकात कर यह संदेश दिया, जबकि अमेरिका और इजराइल ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर चिंतित हैं।

Iran-Israel Conflict: पश्चिम एशिया में एक बार फिर से तनाव चरम पर है. इसके पीछे की वजह ईरान का परमाणु कार्यक्रम है. ऐसे में इजराइल भी खुलकर हमले की धमकी दे रहा है, वहीं अमेरिका कूटनीतिक बातचीत के जरिए मसले को सुलझाने की कोशिश कर रहा है. इस बीच सऊदी अरब ने भी सक्रिय भूमिका निभाते हुए तेहरान जाकर ईरान को स्पष्ट चेतावनी दी है.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सऊदी अरब के रक्षा मंत्री प्रिंस खालिद बिन सलमान 17 अप्रैल को ईरान की राजधानी तेहरान पहुंचे. उन्होंने राष्ट्रपति भवन में ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान, चीफ ऑफ स्टाफ मोहम्मद बाघेरी और विदेश मंत्री अब्बास अराकची से मुलाकात की. खालिद ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यदि ईरान अमेरिका के प्रस्ताव को गंभीरता से नहीं लेता, तो उसे इजराइली हमले के लिए तैयार रहना चाहिए.

अमेरिका-ईरान के बीच बातचीत

डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन इन दिनों ईरान के साथ सीधे परमाणु कार्यक्रम को लेकर संवाद कर रहा है. इस बातचीत का उद्देश्य है ईरान को यूरेनियम संवर्धन पर रोक लगाने के लिए तैयार करना और बदले में उस पर लगे आर्थिक प्रतिबंधों में ढील देना. अब तक पांच दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन यूरेनियम संवर्धन का मुद्दा अभी भी सबसे बड़ा रोड़ा बना हुआ है. अमेरिका चाहता है कि ईरान इस प्रक्रिया को रोके, लेकिन तेहरान इसके लिए तैयार नहीं है.

इजराइल की सख्त चेतावनी

इजराइल का मानना है कि ईरान गुपचुप तरीके से परमाणु हथियार विकसित कर सकता है, जो कि पूरे क्षेत्र के लिए खतरा है. ऐसे में इजराइल ने दो टूक कहा है कि अगर बातचीत से समाधान नहीं निकला, तो वह ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला कर सकता है. इस संभावित टकराव की आशंका को देखते हुए ही सऊदी अरब ने मध्यस्थता की पहल की है.

सऊदी की चेतावनी

तेहरान में हुई बातचीत के दौरान प्रिंस खालिद ने यह भी कहा कि ट्रंप प्रशासन के पास समझौते के लिए ज्यादा समय नहीं है. यदि जल्दी समाधान नहीं निकला, तो हालात बिगड़ सकते हैं और पूरे क्षेत्र में हिंसा भड़क सकती है. उनका संदेश था कि अमेरिका के प्रस्ताव को गंभीरता से लिया जाए, वरना नतीजे खतरनाक हो सकते हैं.

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ईरान की प्रतिक्रिया

ईरानी राष्ट्रपति ने कहा कि वे बातचीत के लिए तैयार हैं, लेकिन उन्होंने ट्रंप सरकार की नीति को अविश्वसनीय और अस्थिर बताया. ईरान का कहना है कि वह प्रतिबंधों से राहत चाहता है, लेकिन वह अपने परमाणु कार्यक्रम को पूरी तरह खत्म नहीं करेगा.

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