तसलीमा नसरीन ने मोहम्मद यूनुस के संभावित इस्तीफे पर नाराजगी जताई, उन पर हिंसा भड़काने और देश को अस्थिर करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यूनुस को जेल में डालकर उनके अपराधों का हिसाब देना चाहिए।
Taslima Nasreen on Muhammad Yunus: बांग्लादेश की राजनीति में इस समय उथल-पुथल का दौर जारी है. इस बीच अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस के संभावित इस्तीफे की खबरें सामने आने के बाद फेमस राइटर तसलीमा नसरीन ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने सोशल मीडिया पर यूनुस पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं, जिनमें हिंसा भड़काने, अल्पसंख्यकों पर अत्याचार और देश को अस्थिर करने जैसे मुद्दे शामिल हैं.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, तसलीमा नसरीन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ‘उन्हें खबर मिली है कि मोहम्मद यूनुस इस्तीफा देकर अमेरिका या यूरोप में अपना बाकी जीवन बिताने की योजना बना रहे हैं. इस पर नाराज़गी जताते हुए उन्होंने सवाल किया कि आखिर उन्हें विदेश क्यों जाने दिया जाना चाहिए? उन्होंने कहा कि यूनुस को जेल में डाला जाना चाहिए क्योंकि उनके खिलाफ दर्ज कई गंभीर मामले देश में प्रवेश करते ही रद्द कर दिए गए थे.’
हिंसा और जिहादी उग्रवाद फैलाने के आरोप
नसरीन ने यूनुस पर आरोप लगाया कि बतौर अंतरिम सरकार के प्रमुख, उन्होंने जिहादी उग्रवादियों और भीड़ को हिंसक गतिविधियों के लिए प्रेरित किया. उनका कहना है कि यूनुस ने समाज में नफरत और असहिष्णुता फैलाकर राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाया और तौहीदी भीड़ को खून-खराबे के लिए उकसाया, जिससे अनेक निर्दोष लोग मारे गए.
देश में अराजकता फैलाने का आरोप
लेखिका का आरोप है कि यूनुस ने बीते महीनों में एक ऐसी पीढ़ी को जन्म दिया जो कट्टरपंथ, अस्थिरता और असहिष्णुता से ग्रस्त है. उन्होंने कहा कि यूनुस के नेतृत्व में देश में अशांति का माहौल बना, और उन्होंने अपने समर्थकों को खुली छूट देकर जिहादी हिंसा, आगजनी और तोड़फोड़ को बढ़ावा दिया. इसके अलावा, नसरीन का दावा है कि यूनुस ने पड़ोसी देशों से संबंध भी खराब कर दिए हैं और रणनीतिक स्थलों को विदेशी शक्तियों के हवाले कर दिया है.
‘उन्हें उनके अपराधों की सज़ा मिलनी चाहिए’
तसलीमा नसरीन ने अपने पोस्ट में कहा कि यूनुस को उनके कथित अपराधों के लिए न्याय का सामना करना चाहिए. उन्होंने कहा कि जब अन्य लोगों को छोटे अपराधों के लिए भी उम्रकैद की सज़ा मिलती है, तो ऐसे गंभीर आरोपों के बावजूद यूनुस को क्यों बख्शा जाए? उन्होंने यह स्पष्ट किया कि यूनुस को जेल में डालकर अपने कर्मों का हिसाब देना चाहिए.
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कौन हैं तसलीमा नसरीन?
तसलीमा नसरीन एक प्रसिद्ध बांग्लादेशी लेखिका हैं, जिन्होंने अपने साहित्य के माध्यम से सामाजिक बुराइयों और धार्मिक कट्टरता के खिलाफ आवाज उठाई है. वे अपने बेबाक विचारों और विवादास्पद लेखन के लिए जानी जाती हैं. तसलीमा ने अपने उपन्यासों और कविताओं में विशेष रूप से इस्लामिक कट्टरपंथ और समाज में व्याप्त रूढ़िवादी सोच को निशाना बनाया है. उनके साहित्य में मानवाधिकारों, महिला स्वतंत्रता और धार्मिक असहिष्णुता जैसे विषय प्रमुख रूप से दिखाई देते हैं.
उनकी फेमस कृति ‘लज्जा’ ने उन्हें दुनिया में पहचान दिलाई, लेकिन यह उपन्यास उनके लिए विवादों का कारण भी बना. इसमें उन्होंने धार्मिक असहिष्णुता और सामाजिक अन्याय पर सवाल उठाए. इस उपन्यास के कारण उनके खिलाफ फतवे जारी हुए और उन्हें गंभीर धमकियां मिलने लगीं. ‘लज्जा’ के प्रकाशन के बाद तसलीमा को बांग्लादेश छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा. कट्टरपंथी संगठनों के विरोध के चलते उन्हें विभिन्न देशों में शरण लेनी पड़ी. वर्तमान में वे लंबे समय से भारत में निर्वासित जीवन जी रही हैं.
डॉक्टर से लेखिका बनने का सफर
तसलीमा नसरीन मूल रूप से एक डॉक्टर थीं, लेकिन समाज सुधार की तीव्र इच्छा और लेखन के जुनून ने उन्हें साहित्य की ओर मोड़ा. उन्होंने चिकित्सा पेशे को छोड़कर पूर्णकालिक लेखन को अपनाया.