फ्रांस में मिशेल बार्नियर के नेतृत्व वाली सरकार गिर गई है। यह सिर्फ तीन महीने ही चल सकी। बुधवार को सांसदों ने प्रधानमंत्री मिशेल बार्नियर के खिलाफ वोट किया। अब उन्हें अपना इस्तीफा राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को सौपना है। बता दें, फ्रांस में 60 साल में पहली बार नेशनल असेंबली के निचले सदन ने सरकार को गिराने का प्रस्ताव पास किया। कट्टर वामपंथियों ने बार्नियर सरकार के खिलाफ अविस्वास प्रस्ताव दिया था, लेकिन मरीन ले पेन की अगुआई में राइट विंग ने भी समर्थन दिया। 577 सदस्य वाली सदन में 331 सांसदों ने सरकार को हटाने के लिए मतदान किया।
राष्ट्रपति चुनेंगे उत्तराधिकारी
इस साल गर्मी में फ्रांस में चुनाव हुए थे। इसमें किसी एक दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था। फिर बार्नियर सरकार बनाने में सफल हुए थे। अब तीन महीने के अंदर उनकी सरकार गिर गई। राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के सामने उत्तराधिकारी चुनने का कठिन विकल्प है। उनका राष्ट्रपति कार्यकाल दो वर्ष से अधिक बचा है।
कट्टर वामपंथियों ने पेश किया अविस्वास प्रस्ताव
दरअसल, नेशनल असेंबली में अगले वित्त वर्ष के लिए खर्च में कटौती वाले बजट पर गतिरोध चल रहा था। इस बीच कट्टर वामपंथियों ने अविस्वास प्रस्ताव पेश कर दिया। इसे चर्चा के बाद पास किया गया। उससे पहले प्रधानमंत्री ने सोमवार को सामाजिक सुरक्षा वित्त पोषण विधेयक को बिना मतदान के पारित कराया था। स्पीकर येल ब्राउन-पिवेट ने जानकारी दी है कि बार्नियर को अब मैक्रों को अपना इस्तीफा सौंपना होगा। उन्होंने सत्र को समाप्त घोषित कर दिया है।
एक साल नहीं हो सकेगा चुनाव
मैक्रों सऊदी अरब की तीन दिवसीय राजकीय यात्रा समाप्त कर मतदान से ठीक पहले पेरिस लौटे थे। उन्होंने बुधवार को राज्य की प्रतिष्ठित पर्यटन परियोजना अल-उला ओएसिस की रेगिस्तानी रेत पर सैर की। उन्होंने प्राचीन स्थलों को देखा। वापस आने के बाद सीधे एलीसी पैलेस पहुंचे। मैक्रों ने मंगलवार को कहा था कि पेन की पार्टी का प्रस्ताव का समर्थन करना निराशावादी रवैया रहा। नियमानुसार फ्रांस में एक चुनाव के बाद अगले एक साल तक नया चुनाव नहीं कराया जा सकता है। इस कारण मैक्रों के विकल्प सीमित होंगे।
पीएम की रेस में कौन-कौन?
ले पेन हाई-प्रोफाइल गबन मुकदमे में उलझी हैं। मार्च में उन्हें दोषी पाया जाता है तो उन्हें फ्रांस के अगले राष्ट्रपति चुनाव में भाग लेने से रोक दिया जा सकता है, लेकिन मैक्रों जल्द पद छोड़ते हैं तो एक महीने में चुनाव कराना होगा। ऐसे में उनके मामले पर फैसला आने से पहले चुनाव होंगे और वह चुनाव लड़ सकेंगी। प्रधानमंत्री पद के लिए उम्मीदवार कम हैं, लेकिन वफादार रक्षा मंत्री सेबेस्टियन लेकॉर्नु और मैक्रों के मध्यमार्गी सहयोगी फ्रेंकोइस बायरू संभावित दावेदार हैं।