नोएडा में Jaypee Group पर ED ने 12 हजार करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में छापा मारा। यह छापेमारी धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत मनी लॉन्ड्रिंग जांच का हिस्सा है, जिसमें दिल्ली और मुंबई के 15 स्थानों पर तलाशी ली गई। इसमें प्रमुख रियल एस्टेट फर्मों से जुड़े कार्यालय और संपत्तियां शामिल हैं।
ED ने नोएडा में Jaypee Group पर 12 हजार करोड़ रुपये के धोखाधड़ी मामले में छापा मारा है। बता दें कि ED ने जेपी इंफ्राटेक, जेपी एसोसिएट्स लिमिटेड और अन्य सहित प्रमुख रियल एस्टेट फर्मों से जुड़े लगभग 12,000 करोड़ रुपये के कथित धोखाधड़ी में व्यापक तलाशी शुरू की। यह तलाशी धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत मनी लॉन्ड्रिंग जांच के हिस्से के रूप में दिल्ली और मुंबई में 15 स्थानों पर सुबह से चल रही है। यह छापेमारी जेपी एसोसिएट्स और उसकी संस्थाओं से जुड़े कार्यालय और संपत्तियां के साथ गौरसन्स, गुलशन, महागुन और सुरक्षा रियल्टी जैसे अन्य प्रमुख रियल एस्टेट खिलाड़ियों से भी जुड़े हैं।
हजारों व्यक्ति हुए प्रभावित
अधिकारियों के अनुसार, धोखाधड़ी की गतिविधियों में मुख्य रूप से घर खरीदारों और निवेशकों के लिए धन की हेराफेरी और डायवर्जन शामिल था। ED ने बताया कि जांच बड़े पैमाने पर पैसों के लेनदेन में हेराफेरी और सार्वजनिक धन के दुरुपयोग के मामले में की जा रही है। जिससे हजारों अनजान व्यक्ति प्रभावित हुए हैं जिन्होंने अपने सपनों का घर हासिल करने की उम्मीद में संपत्तियों में निवेश किया था।
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रियल एस्टेट क्षेत्र पर पड़ेगा असर
ED ने बताया कि जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, वैसे ही पैसों के लेनदेन और कथित धन-संग्रह के बारे में और अधिक जानकारी सामने आने की उम्मीद है। इसका असर संबंधित कंपनियों और बड़े पैमाने पर रियल एस्टेट क्षेत्र पर पड़ सकता है।