म्यांमार में भूकंप ने रमजान के दौरान तबाही मचाई, जिसमें 700 मुसलमानों की मौत हो गई और 60 मस्जिदें ध्वस्त हो गईं। मांडले और सगाइंग क्षेत्रों में सबसे अधिक नुकसान हुआ। कुल 1700 से अधिक लोगों की मौत के बाद राहत कार्य जारी हैं।
म्यांमार में भूकंप कहर बनकर आया है। शुक्रवार को आए विनाशकारी भूकंप ने चारो तरफ लाशे बिछा दी हैं। रमजान के महीने में सैंकड़ों मुसलमान अपनों की मौत के कारण चीख रहे हैं। 28 मार्च को आए 7.7 तीव्रता के इस भूकंप ने सबसे ज्यादा तबाही मांडले और सगाइंग क्षेत्रों में मचाई है। शुक्रवार को जब सैकड़ों मुसलमान रमजान के अंतिम जुमे की नमाज अदा करते रहे थे, तभी अचानक धरती कांपने लगी और पलक झपकते ही 700 से ज्यादा लोग मस्जिद के मलबे में दब गए।
मिट्टी में मिली 60 मस्जिदें
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक कुल 1700 लोगों की मौत हुई है। इस दौरान मांडले और सगाइंग की कई मस्जिदें ध्वस्त हो गईं। करीब 60 मस्जिदें पूरी तरह से तबाह हो गई। स्प्रिंग रिवोल्यूशन म्यांमार मुस्लिम नेटवर्क के सदस्य टुन क्यी ने बताया कि शुक्रवार को भूकंप नमाज के दौरान आया, जब मस्जिदें नमाजियों से भरी हुई थीं। इससे कई मस्जिदें ढह गई और सैकड़ों लोग मलबे में दब गए।
मौत का आंकड़ा पहुंचा 1700 पार
सरकारी रिपोर्ट के अनुसार मौत का आंकड़ा 17,000 से अधिक पहुंच गया है। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि मस्जिदों में मारे गए 700 लोग इस आंकड़े में शामिल हैं या नहीं। इस विनाशकारी आपदा के बाद बचाव दल और राहत संगठन तेजी से राहत कार्यों में जुटे हुए हैं। बता दें, म्यांमार में राजनीतिक अस्थिरता के कारण राहत बचाव कार्यों में भी बाधाएं आ रही हैं।
सबसे खतरनाक था भूकंप
म्यांमार में आया भूकंप देश में एक सदी से भी अधिक समय में आया सबसे शक्तिशाली भूकंप था, जिसकी तीव्रता 7.7 थी। इसके बाद कई झटके आए, जिसमें 7.0 और 6.7 तीव्रता का भूकंप भी शामिल था, जिसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया। कई लोगों के लापता होने के कारण, विशेषज्ञों को डर है कि मृतकों की सही संख्या सामने आने में कई सप्ताह लग सकते हैं। इस बीच, सैन्य जुंटा द्वारा मदद के लिए अपील जारी करने के बाद विदेशी सहायता और अंतरराष्ट्रीय बचाव दल म्यांमार में पहुंचना शुरू हो गए हैं।
Myanmar Earthquake: 1,700 लोगों की मौत, 3,400 घायल, बचाव अभियान जारी