भारत और पाकिस्तान के डीजीएमओ के बीच हॉटलाइन पर हुई वार्ता में पाकिस्तान ने सीमा पार से गोली न चलाने का वादा किया। दोनों देशों ने सैनिकों की संख्या कम करने और शांति बनाए रखने के उपायों पर विचार करने की सहमति जताई। यह वार्ता ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद हुई, जिसमें भारत की सफल कार्रवाई से पाकिस्तान संघर्ष विराम पर सहमत हुआ।
भारत और पाकिस्तान के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन्स (डीजीएमओ) के बीच सोमवार को हॉटलाइन पर बात हुई। बातचीत में पाकिस्तान ने कहा कि वह सीमा पार से एक भी गोली नहीं चलाएगा। वार्ता में कहा गया है कि दोनों पक्षों को एक भी गोली नहीं चलानी चाहिए। एक-दूसरे के खिलाफ कोई आक्रामक और शत्रुतापूर्ण कार्रवाई शुरू नहीं करनी चाहिए। सेना के मुताबिक, इस बात पर सहमति हुई कि दोनों पक्ष यानी भारत और पाकिस्तान सीमाओं और अग्रिम क्षेत्रों से सैनिकों की संख्या में कमी सुनिश्चित करने के लिए तत्काल उपायों पर विचार करें। डीजीएमओ के बीच यह वार्ता 12 मई सोमवार को शाम 5 बजे हुई। दोनों ओर से गोलीबारी और हवाई हमले बंद होने के बाद हुई यह बातचीत काफी अहम रही है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में भारत की सफल जवाबी कार्रवाई से पाकिस्तान के हौसले पस्त हो गए थे। इस लड़ाई में बुरी तरह पिछड़ने के बाद पाकिस्तान ने भारत के समक्ष 10 मई को संघर्ष विराम का प्रस्ताव रखा था, जिसे भारत ने अपनी शर्तों पर स्वीकार कर लिया। इसी विषय पर भारत और पाकिस्तान के डीजीएमओ ने सोमवार को एक महत्वपूर्ण चर्चा की।
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इसमें नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम को लेकर चर्चा की गई। भारत के डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई पाकिस्तान के साथ सैन्य स्तर की इस वार्ता में शामिल हुए। पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व वहां के डीजीएमओ मेजर जनरल काशिफ अब्दुल्लाह ने किया। इस वार्ता में पाकिस्तान ने कहा है कि अब वह इस टकराव को आगे नहीं बढ़ाएगा। पाकिस्तान ने संघर्ष विराम का उल्लंघन न करने की भी बात कही है। नियंत्रण रेखा पर शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए वर्ष 2021 में नए सिरे से हुए संघर्ष विराम समझौते पर भी भारत-पाकिस्तान के डीजीएमओ ने हस्ताक्षर किए थे। नियंत्रण रेखा पर शांति बहाली और संबंधित मुद्दों पर दोनों देशों के डीजीएमओ हॉटलाइन पर बात करते हैं।
जानकारी के मुताबिक, चर्चा में गोलाबारी रोकने को लेकर बनी सहमति और मौजूदा परिस्थितियों की समीक्षा की गई। गत 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों ने 26 निर्दोष पर्यटकों की हत्या कर दी थी। इस आतंकवादी हमले के बाद भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकवादी शिविरों को अपना निशाना बनाया, जिसमें सौ से अधिक आतंकवादी मारे गए।