15 नाकामियों के बाद भी बढ़ा जनरल मुनिर का पद, शहबाज शरीफ ने दी बड़ी जिम्मेदारी - Punjab Kesari
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15 नाकामियों के बाद भी बढ़ा जनरल मुनिर का पद, शहबाज शरीफ ने दी बड़ी जिम्मेदारी

नाकामियों के बाद भी जनरल मुनिर का कद बढ़ा

पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर को फील्ड मार्शल की उपाधि दी गई, जो शहबाज शरीफ की सरकार का विवादास्पद निर्णय है। आलोचकों का कहना है कि यह प्रमोशन उनकी असफलताओं की लंबी सूची को देखते हुए अधिक चेतावनी है। जनरल मुनीर के नेतृत्व में पाकिस्तान को कई मोर्चों पर हार का सामना करना पड़ा, जिससे उनकी कार्यशैली पर सवाल उठते हैं।

Pakistan news: पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर को हाल ही में फील्ड मार्शल की उपाधि दी गई है. यह सम्मान उन्हें शहबाज शरीफ की सरकार द्वारा प्रदान किया गया है. हालांकि, इस फैसले को लेकर पाकिस्तान के भीतर ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी आलोचनाएं हो रही हैं. लोग उन्हें ‘फील्ड’ नहीं बल्कि ‘फेल्ड’ मार्शल कह रहे हैं.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के इतिहास में अब तक केवल एक ही व्यक्ति ‘जनरल अयूब खान’ इस पद तक पहुंचे थे, वो भी स्वयं को प्रमोट करके. अब जनरल मुनीर को यह उपाधि दी गई है, लेकिन उनकी विफलताओं की लिस्ट इतनी लंबी है कि यह प्रमोशन किसी जश्न से ज़्यादा चेतावनी जैसी लगती है.

भारत से करारी शिकस्त

भारतीय सेना ने पाकिस्तान को 6 से 10 मई के बीच करारा जवाब दिया. भारतीय सैनिकों ने नियंत्रण रेखा के पार जाकर आतंकवादी ठिकानों और सैन्य अड्डों को ध्वस्त किया. इस कार्रवाई में पाकिस्तान के 11 एयरबेस को भारी नुकसान पहुंचा. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस दौरान असीम मुनीर को जान बचाने के लिए बंकर में छिपना पड़ा था.

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जनता और नेता दोनों परेशान

जनरल मुनीर के नेतृत्व में पाकिस्तान के हालात और भी खराब हुए हैं. आम नागरिकों से लेकर राजनीतिक नेताओं तक, सभी उनकी कार्यशैली से नाखुश हैं. बलूचिस्तान, सिंध, वजीरिस्तान और पीओके जैसे इलाकों में लोगों ने सेना के खिलाफ सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किए.

15 नाकामियों के बाद भी बढ़ा कद

1. सैन्य अकादमी से नहीं हुए पासआउट

जनरल मुनीर पाकिस्तान के पहले ऐसे सेनाध्यक्ष हैं जिन्होंने पारंपरिक सैन्य अकादमी से शिक्षा नहीं पाई. उनका शुरुआती शिक्षा धार्मिक संस्थानों (मदरसों) में हुआ है.

2. 20 लेफ्टिनेंट जनरल्स का करियर खत्म

बताया जाता है कि मुनीर के सेना प्रमुख बनने से पहले उन्होंने 20 लेफ्टिनेंट जनरल्स के प्रमोशन या करियर पर ब्रेक लगा दिया था.

3. ‘धोखेबाज’ की उपाधि

उनके बैचमेट्स उन्हें ‘द डीसीवर’ यानी धोखेबाज कहते हैं.

4. नागरिकों पर अत्याचार

मुनीर की सेना ने बलूचिस्तान, वजीरिस्तान और पीओके में आम नागरिकों पर जुल्म किए हैं.

5. BLA का कब्जा

बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी ने मच शहर पर कब्जा कर लिया और सेना कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं दे सकी.

6. जफर एक्सप्रेस पर हमला

ट्रेन पर आतंकी हमला हुआ, लेकिन सेना मूकदर्शक बनी रही.

7. वर्दी को धर्म से जोड़ा

मुनीर ने सेना की वर्दी को धर्म की सेवा से जोड़ दिया, जिससे उसकी गरिमा पर प्रश्नचिह्न लगा.

8. भारत से शर्मनाक हार

भारत ने पीओके और पाकिस्तान के भीतर घुसकर सैन्य कार्रवाई की और कई ठिकानों को तबाह किया.

9. बंकर में छिपना पड़ा

हमले के दौरान मुनीर को अपनी सुरक्षा के लिए बंकर में छिपना पड़ा.

10. चीन की कठपुतली

जनरल मुनीर पर आरोप है कि वे पाकिस्तान के बजाय चीन के इशारों पर काम करते हैं.

11. 9 ठिकाने नष्ट

भारत ने उनके कार्यकाल में पीओके व पाकिस्तान में 9 ठिकानों पर हमला कर उन्हें तबाह कर दिया.

12. एयर डिफेंस सिस्टम फेल

भारत की कार्रवाई ने पाकिस्तान के एयर डिफेंस सिस्टम को लगभग निष्क्रिय कर दिया.

13. आतंकियों का सफाया

भारत के ऑपरेशन में 100 से ज्यादा आतंकी और कई पाकिस्तानी सैनिक मारे गए.

14. दो बार घुसपैठ

चार दिन के भीतर भारत ने दो बार पाकिस्तान में घुसकर सैन्य अभियान चलाया.

15. शांति की गुहार

पराजय के बाद पाकिस्तान ने भारत से शांति की अपील की और DGMO स्तर पर संपर्क किया.

यह प्रमोशन नहीं, चेतावनी है

जनरल मुनीर को फील्ड मार्शल का दर्जा देना न तो सम्मानजनक है और न ही औचित्यपूर्ण. यह फैसला दर्शाता है कि पाकिस्तान की सेना अभी भी अतीत की गलतियों से कुछ नहीं सीखी है. उनके कार्यकाल में जितनी असफलताएं हुईं, वह इस बात का प्रमाण हैं कि यह प्रमोशन किसी उपलब्धि का फल नहीं, बल्कि एक विडंबनात्मक संदेश है.

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