मध्य प्रदेश कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सोमवार को राज्य की राजधानी भोपाल में किसानों से जुड़े मुद्दों को लेकर व्यापक विरोध प्रदर्शन किया। राज्य कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी, नेता प्रतिपक्ष (एलओपी) उमंग सिंघार, विधायक सचिन यादव और कई अन्य पार्टी कार्यकर्ताओं ने राज्य की राजधानी के रंग महल चौराहे पर आयोजित विरोध प्रदर्शन में भाग लिया। भीड़ राज्य विधानसभा का घेराव करने जा रही थी और पुलिस ने पार्टी कार्यकर्ताओं की भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछारें कीं। कांग्रेस अध्यक्ष पटवारी ने पत्रकारों से कहा, कांग्रेस पार्टी की जिम्मेदारी है कि वह भाजपा के खिलाफ आंदोलन करे, जिसने महिलाओं, किसानों और युवाओं से वादाखिलाफी की। आज हमने यह विरोध प्रदर्शन इस भावना के साथ किया कि राज्य सरकार को चावल के लिए 3100 रुपये प्रति क्विंटल, गेहूं के लिए 2700 रुपये प्रति क्विंटल और 6000 रुपये प्रति क्विंटल न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) प्रदान करना चाहिए।
केंद्रीय कृषि मंत्री भी इसी राज्य से आते हैं, लेकिन वे एमएसपी के बारे में बात नहीं करते। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने तय किया है कि अगर चावल और गेहूं की खरीद वादे के मुताबिक नहीं हुई तो पार्टी हर मंडी में पहुंचकर किसानों के साथ विरोध प्रदर्शन करेगी। कांग्रेस ने आगे कहा, प्रदेश कांग्रेस की किसान शाखा अगले दो महीने तक राज्य में हर मंडी में जहां फसल खरीद होती है, वहां यह आंदोलन जारी रखेगी। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि कांग्रेस पार्टी किसानों के साथ है और किसानों के हित में सड़क से लेकर विधानसभा तक लड़ाई जारी रहेगी। सिंघार ने कहा, मैं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े किसान संघ से पूछना चाहता हूं कि चुनाव के समय भाजपा के पक्ष में किसानों से वोट मांगने वाले किसान संघ ने अपनी सरकार के एक साल बाद भी अपना वादा क्यों पूरा नहीं किया। किसान संघ ने फर्जी प्रदर्शन किया। लेकिन कांग्रेस किसानों के साथ है और उनके लिए सड़क से लेकर सदन तक लड़ाई लड़ेगी। पूर्व राज्य मंत्री और कांग्रेस विधायक सचिन यादव ने कहा कि उन्होंने हमेशा किसानों के हक की लड़ाई लड़ने का काम किया है।
भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में वादा किया था कि सरकार बनने के बाद गेहूं 2700 रुपये प्रति क्विंटल और चावल 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीदा जाएगा। लेकिन सरकार बनने के इतने समय बाद भी सरकार ने अपना वादा पूरा नहीं किया। इसलिए आज हमने सरकार के खिलाफ किसानों के आक्रोश को लेकर प्रदर्शन किया है। हमने अपनी मांगें रखी हैं, लेकिन सरकार इतनी डरी हुई है कि वह हमारी बात नहीं सुनना चाहती और प्रशासन हमें दबाने के लिए पुलिस की वाटर कैनन का इस्तेमाल कर रहा है। उन्होंने कहा, अगर कांग्रेस कार्यकर्ताओं को किसानों के लिए अपना खून बहाना पड़ा तो कांग्रेसी पीछे नहीं रहेंगे।