मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस ने न्यायपालिका को मजाक बना दिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने वक्फ के माध्यम से संघीय व्यवस्था का मजाक उड़ाया और न्यायपालिका को कमजोर किया।
वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर विपक्ष और केंद्र सरकार के बीच तनातनी बनी हुई है। जहां माना जा रहा है कि कल संसद में वक्फ संशोधन बिल पेश किया जाएगा। इसी बीच मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कांग्रेस पर हमला बोला और कहा कि उन्होंने न्यायपालिका को मजाक में बदल दिया है। कांग्रेस ने वक्फ के माध्यम से हमारे देश की पूरी संघीय व्यवस्था का मजाक उड़ाया। उन्होंने न्यायपालिका को भी मजाक में बदल दिया। केंद्र सरकार को विधेयक पारित करने का अधिकार है, लेकिन न्यायपालिका की मदद से इसे चुनौती देने का अधिकार हमेशा से है।
देश की शिक्षा व्यवस्थाओं पर सोनिया गांधी जी के विचार उनके सीमित ज्ञान का परिणाम हैं। कांग्रेस की सरकार में जो शिक्षा नीतियां आईं, वे देश की जड़ों से काटने वाली लॉर्ड मैकाले की शिक्षा पद्धति का ही दूसरा रूप थीं, जिसने हमारे महापुरुषों को अपमानित कर, विदेशी आक्रांताओं को महिमामंडित… pic.twitter.com/Qni6yAZi4F
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) March 31, 2025
CM मोहन यादव ने बताया कि वक्फ एकमात्र ऐसा कानून था, जिसमें न्यायपालिका को कोई अधिकार नहीं था। हमने न्यायिक व्यवस्था को मजबूत किया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विस्तार से बताया है कि कैसे पीएम मोदी ने इस अधिनियम को न्यायिक व्यवस्था के तहत लाया लेकिन कांग्रेस केवल तुष्टीकरण के लिए झूठ बोल रही है। वे देश के साथ-साथ मुस्लिम भाइयों को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं।
वक्फ विधेयक पर रिपोर्ट
बता दें कि संयुक्त संसदीय समिति ने वक्फ विधेयक पर अपनी रिपोर्ट पहले ही पेश कर दी है। अमित शाह ने कहा कि विधेयक को पूर्वव्यापी प्रभावी रुप से लागू नहीं किया जाएगा और शिकायत करने वाले लोगों के पास अदालत जाने का विकल्प है। बता दें कि इससे पहले मध्य प्रदेश सरकार द्वारा 19 धार्मिक शहरों में शराबबंदी की रूपरेखा तैयार करने के बाद, मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि शराब पर पूर्ण प्रतिबंध होना चाहिए।
शराब प्रतिबंधित
हमारी कैबिनेट बैठक के दौरान, हमने अपने धार्मिक स्थलों में विसंगतियों पर चर्चा की थी। उदाहरण के लिए, उज्जैन में शराब केवल 1 किलोमीटर के दायरे में प्रतिबंधित थी। सरकार ने तय किया कि या तो इसे पूरे राज्य में प्रतिबंधित किया जाना चाहिए या बिल्कुल भी प्रतिबंधित नहीं किया जाना चाहिए। इस बैठक में हमने तय किया कि धार्मिक शहरों में शराब पर पूर्ण प्रतिबंध होना चाहिए।