उत्तराखंड में चार धाम यात्रा की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। इस बार तीर्थयात्रियों की संख्या पर कोई सीमा नहीं होगी। यातायात व्यवस्था, शुद्ध पेयजल और पार्किंग पर विशेष ध्यान दिया गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने निर्देश दिए हैं कि तीर्थयात्रियों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो। अब तक 13.5 लाख लोगों ने ऑनलाइन पंजीकरण कराया है।
उत्तराखंड में जल्द ही चार धाम यात्रा शुरू होने वाली। चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की सुविधाओं के लिए सरकार बड़े कदम उठा रही है। अब गढ़वाल मंडल आयुक्त विनय शंकर पांडे ने कहा कि चार धाम यात्रा के लिए प्रशासन की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। उन्होंने कहा कि तीर्थयात्रा में भाग लेने वाले श्रद्धालुओं की संख्या पर कोई सीमा नहीं होगी। यातायात व्यवस्था, शुद्ध पेयजल और पार्किंग पर अधिक ध्यान दिया गया है। इस बार यात्रा मार्ग को 10 किलोमीटर के सेक्टरों में विभाजित किया गया है। हमारे अधिकारी वॉकी-टॉकी के साथ दोपहिया वाहनों पर यह 10 किलोमीटर की यात्रा करेंगे। सेक्टर के बाद इसे ज़ोन और सुपर ज़ोन में बदल दिया गया है।
#WATCH | उत्तराखंड: चार धाम यात्रा पर गढ़वाल मंडल आयुक्त विनय शंकर पांडे ने कहा, “पिछले साल चार धाम यात्रा समाप्त होने के तुरंत बाद, मुख्यमंत्री ने (इस साल की यात्रा के लिए) तैयारियां शुरू करने के निर्देश दिए थे। मुख्यमंत्री द्वारा 2-3 बैठकें पहले ही की जा चुकी हैं…हमारी… pic.twitter.com/WdPqRu8wwC
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 8, 2025
13.5 लाख लोगों ने पंजीकरण कराया
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बहुत स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि तीर्थयात्रियों को किसी भी तरह की असुविधा का सामना नहीं करना चाहिए। यात्रा के लिए पंजीकरण जारी है, अब तक लगभग 13.5 लाख लोगों ने ऑनलाइन पंजीकरण कराया है। इस बार यात्रा करने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या पर कोई सीमा नहीं है। अधिकारी ने यात्रा को हरित’ बनाने और पूरे तीर्थस्थल पर स्वच्छता सुनिश्चित करने के प्रशासन के प्रयासों के बारे में भी चर्चा की।
‘हरित यात्रा’ की टैगलाइन
गढ़वाल मंडल आयुक्त विनय शंकर पांडे ने कहा कि पीएम मोदी ने इस यात्रा के लिए ‘हरित यात्रा’ की टैगलाइन दी है, इसलिए तीर्थयात्रियों से अपील की जा रही है और फील्ड अधिकारियों को स्पष्ट रूप से बताया गया है कि धामों का धार्मिक महत्व है और उनकी पवित्रता को बरकरार रखना है, लेकिन यह भी हमारा प्रयास होना चाहिए कि मार्ग पर कोई कूड़ा न हो और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाली किसी चीज के इस्तेमाल को रोका जाए। लोगों को इसके लिए प्रेरित किया जा रहा है और एक विकल्प भी उपलब्ध कराया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि यात्रा के समापन के तुरंत बाद, मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को इस साल की तैयारी के निर्देश दिए। पिछले साल चार धाम यात्रा समाप्त होने के तुरंत बाद, मुख्यमंत्री ने इस साल 2025 की यात्रा के लिए तैयारी शुरू करने के निर्देश दिए थे। मुख्यमंत्री द्वारा पहले ही 2-3 बैठकें की जा चुकी हैं। वह हर दिन तैयारियों के बारे में फीडबैक लेते हैं। बता दें कि उत्तराखंड के चार पवित्र स्थलों – यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ – की तीर्थयात्रा हर साल लाखों भक्तों द्वारा की जाती है।