चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था
भाजपा ने गुरुवार को सपा प्रमुख अखिलेश यादव की उस टिप्पणी की कड़ी आलोचना की जिसमें उन्होंने चुनाव आयोग को “मृत” बताया था और विपक्ष पर आरोप लगाया कि जब भी उन्हें चुनावी हार का सामना करना पड़ता है, तो वे संवैधानिक संस्थाओं पर बार-बार हमला करते हैं। मिडिया से बात करते हुए, भाजपा सांसद संबित पात्रा ने कहा, संसद सत्र शुरू होते ही समाजवादी पार्टी ने सारी हदें तोड़ दीं और अध्यक्ष के सामने चुनाव आयोग का अंतिम संस्कार कर दिया…भारत की संसदीय कार्यवाही में ऐसा कुकृत्य अब तक कभी नहीं हुआ था। चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है और इसे मृत कहना और इसके लिए अंतिम संस्कार कर देना लोकतंत्र पर कुठाराघात है। भाजपा मांग करती है कि अन्य विपक्षी दलों का रुख़ स्पष्ट होना चाहिए और समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव को संसद में इस कुकृत्य के लिए माफ़ी मांगनी चाहिए।
इससे पहले अखिलेश यादव ने भाजपा की ओर से चुनावी कदाचार का हवाला देते हुए चुनाव आयोग को “मृत” घोषित कर दिया था। संसद में कदम रखने से पहले यादव ने मिडिया से कहा, भाजपा इसी तरह से चुनाव लड़ती है। चुनाव आयोग मर चुका है। हमें उन्हें सफेद कपड़ा देना होगा। भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने कहा, यह कोई नई बात नहीं है। हमने देखा है कि विपक्षी दल किस तरह से संवैधानिक संस्थाओं पर हमला करते हैं। जब भी वे चुनाव हारते हैं, तो संवैधानिक संस्थाओं पर हमला करते हैं।
अखिलेश यादव के बयान की जितनी निंदा की जाए, उतनी कम है। किसी राजनीतिक दल द्वारा संवैधानिक संस्थाओं के लिए ऐसे शब्दों का इस्तेमाल करना किसी भी तरह से उचित नहीं है…समाजवादी पार्टी के प्रमुख ने बुधवार को दावा किया था कि मिल्कीपुर में पुलिस मतदाताओं के पहचान पत्र की जांच कर रही थी।