Bangladesh: जल्द होगी शेख हसीना की वापसी? चारों ओर से घिरे मोहम्मद यूनस - Punjab Kesari
Girl in a jacket

Bangladesh: जल्द होगी शेख हसीना की वापसी? चारों ओर से घिरे मोहम्मद यूनस

मोहम्मद यूनस के चारों ओर संकट के बादल

मोहम्मद यूनस के इस्तीफे की चर्चाओं ने बांग्लादेश की राजनीति में हलचल मचा दी है। सेना प्रमुख वकार ज़मा के साथ उनके रिश्ते तनावपूर्ण हो गए हैं, जिसके चलते उनकी स्थिति कमजोर होती जा रही है। इस बीच, पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की संभावित वापसी की संभावना बढ़ गई है, जो यूनस के इस्तीफे के बाद राजनीतिक परिदृश्य को बदल सकती है।

कई मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बांग्लादेशी सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनस जल्द इस्तीफा दे सकते हैं। दावा किया जा रहा है कि यूनस के रिश्ते सेना प्रमुख वकार ज़मा के साथ दिन-प्रतिदिन खराब होते जा रहे हैं। ऐसे में यहां से यूनस की राह मुश्किल होती जाएगी। सेना ने साल के अंत तक चुनाव करवाने के संकेत दिए हैं। यूनस भी अच्छी तरह जानते हैं कि एक बार चुनाव हो गए तो बांग्लादेश की राजनीति में उनकी प्रासंगिकता लगभग खत्म हो जाएगी। बांग्लादेश छात्रों की नई बनी पार्टी के नेता नाहिद इस्लाम ने भी इस बात की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि यूनस पहले भी दो बार इस्तीफा देने पर विचार कर चुके हैं। सेना के साथ यूनस को काम करने में दिक्कतें आ रही हैं। ऐसे में अगर वो जल्द इस्तीफा दे दें तो किसी को तवज्जो नहीं होनी चाहिए। यूनस का कमजोर होना पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के लिए अच्छी खबर हो सकती है। जिस छात्र आंदोलन की वजह से हसीना ने सत्ता गंवाई थी, उसने यूनस के शामिल होने के बाद ही तूल पकड़ा था। बांग्लादेश में हाशिये पर जा चुके नेताओं की वापसी का लंबा इतिहास रहा है।

बीएनपी का बड़ा विरोध प्रदर्शन

बीएनपी का बड़ा विरोध प्रदर्शन

बीते दिनों बांग्लादेश की प्रमुख पार्टी बीएनपी ने वर्तमान सरकार के खिलाफ एक बड़ा विरोध प्रदर्शन किया था। बीएनपी समेत तमाम राजनीतिक दल चाहते हैं जल्द से जल्द बांग्लादेश में चुनाव करवाए जाएं। सेना ने भी साफ कह दिया है कि जल्द ही चुनाव करवाए जाएंगे। सेना ने कथित तौर पर चुनावों के लिए दिसंबर का समय निर्धारित किया है।

जल्द चुनावों से हो सकता है शेख हसीना को फायदा

जल्द चुनावों से हो सकता है शेख हसीना को फायदा

शेख हसीना भले ही देश छोड़ चुकी हों पर उनकी पार्टी और समर्थक अभी भी बांग्लादेश में मौजूद हैं। उनकी पार्टी और नेताओं के खिलाफ भयंकर रेश जरूर है पर छात्रों में राजनीतिक अनुभव की कमी और बीएनपी का कमजोर नेतृत्व, शेख हसीना की आवामी लीग के लिए नए राजनीतिक दरवाजे खोल सकता है। हसीना की मुख्य विपक्षी खालिदा ज़िया की उम्र 80 साल से ज्यादा है और वो अक्सर बीमार रहती हैं। ऐसे में हसीना के लिए भविष्य में रास्ते खुलने की संभावना है।

Bangladesh : चिन्मय कृष्ण दास को मिली जमानत, जेल से जल्द रिहाई की उम्मीद

राजनीतिक वापसी का रहा है इतिहास

बांग्लादेश में राजनेताओं की वापसी का लंबा इतिहास रहा है। शेख मुजीब एक समय राजनीतिक हाशिये पर चले गए थे और उन्हें बांग्लादेश छोड़ना पड़ा था। आगे चलकर वही शेख मुजीब भारत की मदद से बांग्लादेश के पहले राष्ट्रपति बने। अपने पिता और पूरे परिवार के कत्ल के बाद भी शेख हसीना और आवामी लीग ने 1996 में सत्ता में वापसी कर ली थी। ऐसे में एक बार फिर शेख हसीना की वापसी मुमकिन है, क्योंकि यूनस चारों ओर से घिर चुके हैं और भारत का भी रुख हमेशा से शेख हसीना के साथ ही रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

eighteen + 12 =

Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।