राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा पर भड़के अविमुक्तेश्ववरानंद सरस्वती, कहा- 'हम शंकराचार्य किस लिए...' - Punjab Kesari
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राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा पर भड़के अविमुक्तेश्ववरानंद सरस्वती, कहा- ‘हम शंकराचार्य किस लिए…’

शंकराचार्य का सरकार पर मंदिरों में हस्तक्षेप का आरोप

अयोध्या के राम मंदिर में दूसरी बार प्राण प्रतिष्ठा के आयोजन पर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने नाराजगी जताई है। उन्होंने सरकार के मंदिरों में हस्तक्षेप पर भी सवाल उठाए हैं। शंकराचार्य का मानना है कि पहली प्राण प्रतिष्ठा गलत थी और अब दोबारा प्रतिष्ठा से यह साबित होता है कि पहले की प्रक्रिया धर्म-शास्त्र के विरुद्ध थी।

अयोध्या के राम मंदिर में दूसरी बार प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन हो रहा है। प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम 3 जून से 5 जून तक चलने वाला है। इसी के साथ एक नया विवाद भी खड़ा हो गया है। 22 जनवरी 2024 को जब राम लला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी, उस समय भी शंकराचार्य ने नाराजगी जताई थी। इस बार भी शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद प्राण प्रतिष्ठा से नाखुश हैं। मुख्य प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान 3 जून को सुबह 6:30 बजे से शुरू हो चुका है। आठ नवनिर्मित मंदिरों में वैदिक परंपराओं के अनुसार देवताओं की मूर्तियां स्थापित की जाएंगी। शंकराचार्य ने दोबारा प्राण प्रतिष्ठा करने पर सवाल उठाया है। इसके अलावा उन्होंने सरकार द्वारा मंदिरों के कार्य में हस्तक्षेप करने पर नाराजगी जताई है।

राम मंदिर

शंकराचार्य ने पहली प्राण प्रतिष्ठा पर उठाए सवाल

शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि प्राण प्रतिष्ठा हो चुकी है। अब क्या? इसका मतलब यह है कि पहली प्रतिष्ठा गलत थी। अब शिखर बनने के बाद प्रतिष्ठा हो रही है। आपने जो किया वह गलत था, अब वहां फिर से जो शिखर प्रतिष्ठा आदि कार्यक्रम होंगे, उससे यह साबित हो जाएगा कि पहले जो प्रतिष्ठा हुई थी, वह धर्म-शास्त्र के विरुद्ध थी, हिंदू धर्म के विरुद्ध थी।

शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद के तीखे सवाल

शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि धर्मस्थलों में धर्मनिरपेक्ष सरकारों को क्या करना है। आप हिंदू धर्म के धार्मिक स्थलों में ही क्यों हस्तक्षेप करते हैं। हमारे हिंदू धर्म के धार्मिक स्थलों पर आने की क्या जरूरत है। आप किसी अन्य धर्म के साथ ऐसा क्यों नहीं करते। आप हमारे मंदिरों के साथ कॉरिडोर शब्द क्यों जोड़ रहे हैं। कॉरिडोर अंग्रेजी का शब्द है। सरकार हमारे धर्म में हस्तक्षेप कर रही है, जिसका हम विरोध कर रहे हैं।

बांके बिहारी ट्रस्ट पर न बनाने की मांग

शंकराचार्य ने कहा अगर कुछ ठीक करना है तो आप हमें बताएं कि हम शंकराचार्य क्यों बने हैं। जिन जगहों पर सरकार ने ट्रस्ट बनाए हैं, वहां क्या हो रहा है। जिन धार्मिक स्थलों को सरकार ने अपने अधीन लिया है, वहां आपने धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचाई है और हिंदू धर्म के खिलाफ काम किया है। हम नहीं चाहते कि सरकार बांके बिहारी पर कोई ट्रस्ट बनाए।

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