उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चौखुटिया में चैत्र अष्टमी मेले में शिरकत की और मां अग्निरी की पूजा-अर्चना की। इस मेले में लोक संस्कृति, कला और पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ सामाजिक बुराइयों के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए नाटक और झांकियां भी प्रदर्शित की गईं। मुख्यमंत्री ने राज्य के विकास के लिए कई घोषणाएं कीं।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को चौखुटिया में मां अग्निरी के ऐतिहासिक मंदिर परिसर में आयोजित चैत्र अष्टमी मेले में शिरकत की। मुख्यमंत्री ने मां अग्निरी की पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि की कामना की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह मेला केवल धार्मिक अनुष्ठानों तक सीमित नहीं है, बल्कि हमारी लोक संस्कृति, लोक कला और समृद्ध परंपराओं को संरक्षित करने के साथ-साथ सामाजिक बुराइयों के प्रति जन-जागरूकता फैलाने का सशक्त माध्यम बन गया है।
यह अपने आप में अनूठा है कि इस मेले में कुमाऊं, गढ़वाल के लोकगीतों और लोककलाओं के अद्भुत प्रदर्शन के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, खेती बचाओ, नशा उन्मूलन जैसे जन जागरूकता नाटक और झांकियां भी प्रदर्शित की गई हैं। उन्होंने कहा, “उत्तराखंड ने राज्य में सबसे पहले यूसीसी कानून बनाने का गौरव हासिल किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में उत्तराखंड सरकार कई नवाचारों को आगे बढ़ा रही है। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत इस क्षेत्र की 28 और सड़कें स्वीकृत की गई हैं जो आने वाले समय में विकास के लिए मील का पत्थर साबित होंगी।”
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उन्होंने कहा कि जहां एक ओर हमारी सरकार सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों तक सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य और पेयजल जैसे महत्वपूर्ण कार्यों को लगातार आगे बढ़ा रही है, वहीं दूसरी ओर धार्मिक संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए भी लगातार काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि चारों धामों में विकास के नए आयाम स्थापित किए जा रहे हैं तथा मानसखंड मंदिरमाला मिशन के तहत सर्किट बनाए जा रहे हैं तथा उनका नव निर्माण व पुनर्निर्माण किया जा रहा है। आने वाले समय में भैरवनाथ मंदिर नवगढ़ी, भैरव मंदिर पांडुखाल, मां नंदादेवी कोटियाताल को भी धार्मिक पर्यटन के रूप में विकसित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने माणा से आदि कैलाश तक एकीकृत विकास का संकल्प लिया है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने क्षेत्र के विकास से संबंधित अनेक घोषणाएं भी की, जिनमें चौखुटिया एवं आसपास के क्षेत्र के छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा के अवसर उपलब्ध कराने के लिए प्रथम चरण में स्नातकोत्तर स्तर पर अर्थशास्त्र एवं अंग्रेजी की कक्षाएं तथा अगले सत्र से चौखुटिया महाविद्यालय में स्नातक स्तर पर विज्ञान की कक्षाएं प्रारंभ करने, द्वाराहाट क्षेत्र की पेयजल समस्या के स्थाई समाधान के लिए प्राकृतिक स्रोतों को पुनर्जीवित करने के लिए वैज्ञानिक कार्ययोजना बनाने, गगास नदी में आवश्यकतानुसार छोटे-छोटे बांधों का निर्माण करने, ज्योलीकोट, भवाली, खैरना, मजखाली, द्वाराहाट चौखुटिया, कर्णप्रयाग राष्ट्रीय राजमार्ग पर शीघ्र कार्य प्रारंभ करने, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चौखुटिया की क्षमता 30 बेड से बढ़ाकर 50 बेड करने तथा डिजिटल एक्स-रे मशीन उपलब्ध कराने, चौखुटिया के अग्निरी मंदिर के बाहर रामगंगा नदी के दोनों ओर तटबंधों का निर्माण करने, जीआईसी द्वाराहाट का नाम स्वतंत्रता संग्राम सेनानी डॉ. इंद्र लाल साह के नाम पर रखने तथा रामगढ़-कुनीगढ़ मोटर मार्ग का नामकरण करने की घोषणाएं शामिल हैं। शहीद सूबेदार भवानी दत्त जोशी के नाम पर इसका नामकरण करने के साथ ही मुख्यमंत्री ने चैत्र अष्टमी मेले के आयोजन के लिए पांच लाख रुपये देने की घोषणा भी की।
सीएम धामी ने जिलाधिकारी आलोक कुमार पांडे की पहल पर हिमोत्थान योजना के तहत जागेश्वर धाम के लिए जागेश्वर प्रसादम योजना का भी शुभारंभ किया। इस योजना के तहत जागेश्वर धाम के प्रसाद का एक अलग रूप देखने को मिलेगा। इसके तहत जिले की स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा प्रसाद तैयार किया जाएगा। इस प्रसाद में श्रद्धालुओं को शुद्ध पहाड़ी खोया से बनी बाल मिठाई मिलेगी और तिल, चौलाई जैसे पहाड़ी उत्पादों के साथ ही तांबे के सिक्के भी दिए जाएंगे।
इन सिक्कों पर जागेश्वर धाम की प्रतिमा अंकित होगी और प्रसाद में जागेश्वर धाम से जुड़ी जानकारी की एक छोटी पुस्तिका भी होगी। इससे जिले के प्रसिद्ध ताम्र उद्योग को बढ़ावा मिलने के साथ ही महिलाओं की आर्थिकी में भी इजाफा होगा। इस पहल की मुख्यमंत्री ने सराहना की। मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन एवं हिमोत्थान योजना के अन्तर्गत विभिन्न स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को उनके द्वारा किये जा रहे उत्कृष्ट कार्यों के लिए प्रशंसा पत्र एवं कार्य विस्तार हेतु सरकारी सहायता के चेक भी सौंपे।