पाकिस्तान की एक चौंकाने वाली रिपोर्ट के अनुसार, 72 लाख पाकिस्तानी नागरिक विभाजन के खिलाफ हैं और मानते हैं कि भारत और पाकिस्तान को एक ही देश रहना चाहिए था। इस सर्वे ने विभाजन के फैसले पर फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं।
Pakistan News: जम्मू कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना ने आतंक के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर चलाया. इस ऑपरेशन के बाद भारत ने पाकिस्तान से यह मांग की है कि वह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) को तुरंत खाली करे. इसी बीच पाकिस्तान से एक चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है, जिसने सभी को सोचने पर मजबूर कर दिया है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के एक प्रतिष्ठित मीडिया संस्था ‘जियो न्यूज’ ने अंतरराष्ट्रीय गैलप सर्वे एजेंसी के हवाले से एक रिपोर्ट प्रकाशित की है. इस सर्वे में लोगों से पूछा गया कि यदि वे 1947 में जन्म लेते, तो क्या वे भारत और पाकिस्तान के विभाजन का समर्थन करते. अधिकांश लोगों ने हां में जवाब दिया, लेकिन खास बात यह रही कि 3 प्रतिशत लोगों ने विभाजन के विरोध में राय दी है.
3 % पाकिस्तानी नहीं चाहते थे विभाजन
सर्वे में शामिल 3 प्रतिशत लोगों ने कहा कि यदि वे उस समय जीवित होते तो भारत और पाकिस्तान के अलग होने के फैसले के खिलाफ वोट देते. इन लोगों का मानना है कि भारत और पाकिस्तान को एक ही देश रहना चाहिए था और पाकिस्तान का अलग राष्ट्र के रूप में गठन नहीं होना चाहिए था.
सेना प्रमुख ने किया टू-नेशन थ्योरी का समर्थन
यह सर्वे ऐसे समय में आया है जब पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर ने हाल ही में मोहम्मद अली जिन्ना की ‘दो राष्ट्र सिद्धांत’ को सही ठहराया. उन्होंने एक भाषण में यहां तक कहा कि पाकिस्तान का निर्माण अल्लाह की मर्जी से हुआ है. ऐसे में कुछ लोगों का यह सोचना कि विभाजन नहीं होना चाहिए था, कई सवाल खड़े करता है.
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72 लाख लोगों की सोच में बदलाव
पाकिस्तान की कुल आबादी लगभग 24 करोड़ है, और यदि इस जनसंख्या का 3 प्रतिशत भी विभाजन के खिलाफ है, तो यह संख्या लगभग 72 लाख के आसपास बैठती है. यह कोई छोटा आंकड़ा नहीं है, और यह देश के सामाजिक मनोविज्ञान में एक बदलाव का संकेत हो सकता है.
पाकिस्तान में बढ़ रहा असंतोष
मीडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के आम नागरिक मौजूदा सरकार से बेहद नाराज हैं. लोगों का कहना है कि देश में रोजगार की भारी कमी है और सरकार शोषण की नीति अपना रही है. रिपोर्ट में यहां तक कहा गया कि कुछ लोग यह भी सोचने लगे हैं कि अगर भारत हमला कर दे तो शायद हालात बदल जाएं.
विभाजन के फैसले पर फिर उठे सवाल
1947 में भारत से अलग होकर पाकिस्तान का गठन हुआ था, जिसे उस समय के नेताओं ने ‘दो राष्ट्र सिद्धांत’ पर आधारित बताया था. हालांकि 1971 में बांग्लादेश के रूप में एक और विभाजन हुआ, जिससे इस सिद्धांत पर पहले ही सवाल उठ चुके हैं. अब, ताजा सर्वे और जनता के बदलते विचार इस बहस को फिर से तेज कर रहे हैं.