चीन : चीन के वैज्ञानिकों ने एक अत्याधुनिक परमाणु बैटरी विकसित करने का दावा किया है, जो सैकड़ों वर्षों तक बिना किसी रुकावट के बिजली उत्पन्न कर सकती है। इस बैटरी की खासियत यह है कि इसे अल्फा किरणों का उपयोग करके तैयार किया गया है, जो रेडियोएक्टिव आइसोटोप के विघटन के दौरान उत्पन्न होती हैं। यह शोध प्रतिष्ठित वैज्ञानिक पत्रिका ‘नेचर’ में प्रकाशित हुआ है और इसे पिछले कुछ दशकों में परमाणु बैटरी के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण सफलता माना जा रहा है। बैटरी के विकास में, शोधकर्ताओं ने एक फोटोनिक सेल का उपयोग किया है, जिससे इसकी ऊर्जा रूपांतरण दक्षता मौजूदा तकनीकों की तुलना में हजारों गुना अधिक हो गई है। अल्फा किरणें, जो उच्च ऊर्जा स्तर (4 से 6 मेगा इलेक्ट्रॉन वोल्ट) की होती हैं, इस बैटरी को स्थायी ऊर्जा स्रोत बनाने में मदद करती हैं।
चीन ने विकसित की 100 साल से ज्यादा चलने वाली बैटरी
वांग शुआओ, सूझोऊ विश्वविद्यालय के प्रमुख वैज्ञानिक, ने बताया कि पारंपरिक शोध बीटा रेडिएशन पर केंद्रित रहा है, जबकि उनकी टीम ने अल्फा रेडिएशन की प्रबल क्षमता का उपयोग किया है। हालांकि, अल्फा कणों की ठोस पदार्थों में पैठ कम होती है, जिससे आत्म-अवशोषण की समस्या उत्पन्न होती है। इसे हल करने के लिए, शोधकर्ताओं ने एक विशेष लेयर जोड़ी है, जिससे ऊर्जा का बेहतर उपयोग संभव हुआ है।इस बैटरी में एक ‘इनबिल्ट एनर्जी कन्वर्टर’ तकनीक का उपयोग किया गया है, जो ऊर्जा को बिजली में परिवर्तित करती है। शोधकर्ताओं ने 11 माइक्रो क्यूरी 243Am नामक रेडियोधर्मी तत्व का उपयोग करते हुए अल्फा किरणों से उत्पन्न प्रकाश को बिजली में बदला। इसकी ऊर्जा रूपांतरण दक्षता 3.43 प्रतिशत मापी गई है, जो प्रभावी मानी जा रही है।
बैटरी का जीवनकाल बेहद लंबा है और यह तापमान के उतार-चढ़ाव से अप्रभावित रहती है। इसकी कुल ऊर्जा रूपांतरण दक्षता 0.889 प्रतिशत है और यह 139 माइक्रोवाट प्रति क्यूरी का उत्पादन करती है। इस बैटरी का प्रदर्शन 200 घंटे तक परीक्षण के दौरान लगभग अपरिवर्तित रहा। 243Am का आधा जीवन कई शताब्दियों तक फैला हुआ है, जिससे इसकी उम्र भी उतनी ही लंबी हो सकती है। चीन के विज्ञान और प्रौद्योगिकी से संबंधित प्रमुख समाचार पत्र ‘साइंस एंड टेक्नोलाॅजी डेली’ ने इस उपलब्धि को चीन की परमाणु सुरक्षा और सतत विकास की रणनीतिक आवश्यकताओं को पूरा करने में एक महत्वपूर्ण कदम बताया है।
समाचार पत्र में बताया गया कि यह तकनीक परमाणु कचरे के पुनः उपयोग के लिए नए दृष्टिकोण खोलती है और भविष्य में स्थायी ऊर्जा स्रोतों के रूप में क्रांति ला सकती है।इस बैटरी के विकास से उन एक्टिनाइड समस्थानिकों का उपयोग करने के नए रास्ते खुलते हैं, जिन्हें अब तक परमाणु ईंधन चक्र के बाहर कम आंका जाता था। यह बैटरी न केवल लंबी आयु प्रदान करती है, बल्कि इसकी ऊर्जा क्षमता भी उच्च स्तर पर है, जो भविष्य में ऊर्जा संकट के समाधान में सहायक हो सकती है।
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