कार डीलरों की आय में वृद्धि, बिक्री वॉल्यूम बढ़ा: रिपोर्ट - Punjab Kesari
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कार डीलरों की आय में वृद्धि, बिक्री वॉल्यूम बढ़ा: रिपोर्ट

SUV की लोकप्रियता से डीलरों की आय में उछाल

क्रिसिल रेटिंग्स की रिपोर्ट के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में घरेलू यात्री वाहन डीलरों की आय में 100 बीपीएस की वृद्धि हो सकती है। बिक्री वॉल्यूम में इजाफा, टैक्स स्लैब में बदलाव और एसयूवी की लोकप्रियता से शहरी और ग्रामीण बाजारों में मांग बढ़ी है। इन्वेंट्री लेवल में सुधार से डीलरों की क्रेडिट प्रोफाइल स्थिर रहेगी।

घरेलू यात्री वाहन (पीवी) डीलरशिप इंडस्ट्री की आय में चालू वित्त वर्ष में करीब 100 आधार अंक (बीपीएस) की वृद्धि हो सकती है। इसकी वजह बिक्री वॉल्यूम में इजाफा होना है। यह जानकारी गुरुवार को जारी की गई क्रिसिल रेटिंग्स की रिपोर्ट में दी गई। क्रिसिल रेटिंग्स के निदेशक हिमांक शर्मा ने कहा, “टैक्स स्लैब में बदलाव से शहरों में बढ़ी खर्च योग्य आय, ब्याज दरों में कटौती और कम महंगाई दर के साथ एसयूवी की निरंतर बढ़ती लोकप्रियता से यात्री वाहनों के लिए शहरी मांग में वृद्धि होगी। उन्होंने आगे कहा, “ग्रामीण मार्केट में अच्छे मानसून, न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि से किसानों की आय बढ़ने से छोटी कारों की बिक्री में इजाफा देखने को मिल सकता है। हमें लगता है कि चालू वित्त वर्ष में इंडस्ट्री 7-9 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी।

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रिपोर्ट में बताया गया कि वॉल्यूम में सुधार से डीलरों को दो तरह से फायदा होगा। सबसे पहले सहायक आय बढ़ेगी जबकि प्रमोशन और छूट कम हो जाएगी, जिससे परिचालन मुनाफा 3.2-3.4 प्रतिशत तक बढ़ जाएगा। पिछले वित्त वर्ष में इसमें 30-35 बीपीएस की गिरावट दर्ज की गई थी। दूसरा, पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले इस वर्ष इन्वेंट्री लेवल कम रह सकते हैं। इससे शोरूम को बढ़ाने के लिए और कैपेक्स की आवश्यकता नहीं होगी, जिससे डेट स्तर भी घटेंगे। 110 पीवी डीलरों पर आधारित क्रिसिल रेटिंग विश्लेषण से संकेत मिलता है कि पिछले वित्त वर्ष में नरमी के बाद इल साल डीलर्स की क्रेडिट प्रोफाइल स्थिर रहेगी। इस वित्त वर्ष में वॉल्यूम वृद्धि 4-6 प्रतिशत रहेगी। ऑटो कंपनियों द्वारा मूल्य वृद्धि और ग्राहकों का स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल्स (एसयूवी) की ओर झुकाव जारी रहने से प्राप्तियों में 3-4 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है।

रिटेल बिक्री कमजोर रहने के कारण पिछले वित्त वर्ष में डीलरों ने अपनी इन्वेंट्री को सामान्य 30-35 दिनों से बढ़ाकर 50-55 दिन कर दिया था और ऑटो कंपनियों ने बिक्री बढ़ाने के लिए आक्रामक तरीके से स्टॉक डीलर्स के पास भेजा। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस वित्त वर्ष में बेहतर मांग के परिणामस्वरूप इन्वेंट्री में 5-10 दिन का सुधार होगा, हालांकि, यह वित्त वर्ष 2024 से पहले देखे गए औसत स्तरों से अधिक रहेगा।

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