चेन्नई : भारतीय गोलकीपर पी. आर. श्रीजेश ने शुक्रवार को कहा कि सिर्फ युवाओं पर फोकस करने से भारतीय टीम को सफलता नहीं मिलेगी लेकिन हॉकी विश्व कप में क्वार्टर फाइनल से बाहर होने के बावजूद हरेंद्र सिंह को कोच बनाये रखने की पैरवी की। अनुभवी एस वी सुनील चोट के कारण और रूपिंदर पाल सिंह खराब फार्म के कारण विश्व कप टीम से बाहर थे।
यह पूछने पर कि क्या अब फोकस सिर्फ युवाओं पर होगा, श्रीजेश ने कहा कि युवा का क्या मतलब है। यदि कोई खिलाड़ी टीम में आता है और तीन या चार साल का अनुभव हो जाता है तो क्या वह बूढा हो गया। सिर्फ युवाओं के दम पर टूर्नामेंट नहीं जीते जाते, उसके लिये अनुभव भी चाहिये।
पूर्व कप्तान ने कहा कि बड़े मैचों में काफी दबाव होता है। ऐसे में अनुभव की जरूरत होती है। अर्जेंटीना ने जब 2016 में ओलंपिक स्वर्ण जीता तो उसकी औसत उम्र 32-33 साल थी । आपको युवाओं के साथ अनुभवी खिलाड़ी भी चाहिये। हरेंद्र के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि अच्छी टीम बनाने के लिये उन्हें और समय चाहिये। मैं पिछले 14-15 साल से हरेंद्र सर को जानता हूं ।
हर भारतीय खिलाड़ी उन्हें लंबे समय से जानता है । खिलाड़ियों के लिये उनके साथ रहना आसान है । कोई भी कोच अचानक आकर रातोंरात सब कुछ नहीं बदल सकता। श्रीजेश ने कहा कि उन्हें अच्छी टीम बनाने और ओलंपिक 2020 पर फोकस रखने के लिये और मौके चाहिये क्योंकि वह बड़ी चुनौती है।