विश्व कप 2019 में अब तक पांच मैच हो चुके हैं और इन पांचों मैचों में जिस टीम ने टॉस जीता है उसने मैच भी अपने नाम किया है। तो क्या ये कहा जाता सकता है कि विश्व कप 2019 में टॉस मैच का बॉस है? टॉस की भूमिका मैच की हार और जीत में अहम होती है? ऐसा आप सोच सकते हैं। एशिया की दो टीमें विश्व कप में अपने अभियान के पहले मैच में हार चुकी हैं। हम पाकिस्तान और श्रीलंका की बात कर रहे हैं।
हार के बाद श्रीलंका और पाकिस्तान के कप्तानों ने टॉस को हार का कारण नहीं बताया है लेकिन उन्होंने यह जरूर कहा था कि अहम टॉस वह हारे। एशियाई बल्लेबाज इंग्लैंउ की घास वाली स्विंग लेती हुई पिचों पर कुछ परेशान नजर आ रहे हैं। विश्व कप 2019 में जो टीमें टॉस हार रही हैं वह मुश्किलों का सामना करती हुई जरूर दिखाई दे रही हैं।
गेंदबाजों को टॉस जीतने पर मौसम से मदद मिलती है
जो टीम टॉस जीत रहीं हैं वह पहले गेंदबाजी करती हैं क्योंकि आद्र्रता और ठंडा मौसम, घास वाली पिच इन सभी वजह से वह यह निर्णय ले रही हैं। मैैच सुबह साढ़े 10 बजे शुरू होता है और उस समय हल्की सी ठंड होती है। वहीं गेंदबाजों को नॉटिंगम और कॉर्डिफ मैदानों पर पिच से बहुत मदद मिल रही थी। बल्लेबाजी टीम के लिए जैसे ही मामला बाद में ठीक होता है तो उनके हाथ से सबकुछ ही निकल चुका होता है।
पाकिस्तान टीम वेस्टइंडीज के खिलाफ मैच में 21.4 ओवरों में सिर्फ 105 रन ही बना पाई। मैच हारने के बाद पाकिस्तान टीम के कप्तान सरफराज ने कहा, मुझे लगता है कि शुरूआत काफी अच्छी होनी चाहिए। यही कारण था कि हम पहले गेंदबाजी करना चाहते थे।
पाकिस्तान टीम के बल्लेबाज नॉटिंघम की पिच पर परेशान हुए थे। इसी वजह से पूरी टीम 105 के शर्मनाक स्कोर पर सिमिट गई थी। वेस्टइंडीज के खिलाफ फखर जमां और बाबर आजम ने 22-22 रन सबसे ज्यादा बनाए थे। उसके बाद तो किसी भी बल्लेबाज ने दहाई का आंकड़ा भी पार नहीं किया।
हार का सामना करना पड़ा था श्रीलंका को
श्रीलंका को न्यूजीलैंड ने पहले मैच में 10 विकेट से हराया था। मैच के बाद श्रीलंका के कप्तान डी करुणारत्ने ने कहा था, अगर आपको इस तरह की विकेट मिलती है तो टॉस भूमिका बहुत अहम होती है। भारत ने अपना पहला अभ्यास मैच ओवल की घास वाली पिच पर न्यूजीलैंड के खिलाफ खेला था जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। एशियाई टीमों के लिए इंग्लैंड की स्विंग और घास वाली पिचों पर खेल पाना मुश्किल ही दिखार्ई दे रहा है।
आईसीसी ने वकालत की थी बराबर का मौका देने वाली पिच की
विश्व कप शुरु होने से पहले आईसीसी के मुख्य कार्यकारी डेव रिचर्सडसन ने कहा था कि 100 ओवरों के मैचों को आईसीसी स्थिर माहौल देना चाहती है ताकि बराबर का मौका दोनों ही टीमों को मिल सके। इस पर रिचर्डसन ने कहा था कि, हम ऐसी पिच देंगे जिससे दोनों टीमों को बराबर का मौका मिले। पिच ऐसी होगी जो मैच के दौरान अपने व्यवहार में बदलाव नहीं करेगी। पहले गेंदबाजी करने वाली टीम को फायदा नहीं होगा। मुझे उम्मीद है कि इस तरह की विकेट से मुकाबले में रोचकता बढ़ेगी।
फिलहाल पहले गेंदबाजी करने वाली टीम का इंग्लैंड में पलड़ा भारी है
इंग्लैंड में गर्र्मियां आने से पहले जो टीमें पहले फील्डिंग कर रही थीं उनकी तरफ मैच का पलड़ा था। इसी वजह से इंग्लैंड में जो कप्तान टॉस जीतते हैं वह फील्डिंग का फैसला करते थे। अभी तक विश्वक प में अफगानिस्तान ने टॉस जीता और बल्लेबाजी का फैसला किया।
भाग्य का योगदान होता है सिक्के की उछाल में
भाग्य का अहम योगदान सिक्के की उछाल में होता है। इस पर वेस्टइंडीज के कप्तान जेसन होल्डर ने कहा था, आपको पता कि टॉस 50/50 होता है। ऐसे में उसपर हमारा पूरा नियंत्रण नहीं होता है। अंत में यह सभी टीम के लिए एकसमान ही होता है। जहां तक मेरी बात है तो टॉस के समय मेरे भाग्या साथ नहीं देता। मैं ऐसे कई टॉस हारा हूं, जो मैं जीतना चाहता था।
आद्र्रता वाले कंडशन में निश्चित तौर पर हमने गेंदबाजी चुनी और जल्दी विकेट भी हासिल किया। हमने अपनी लाइनअप में चार तेज गेंदबाजों को खिलाया। हम मैच के शुरुआत में इसका फायदा उठाना चाहते थे।