आईपीएल से अपनी एक अलग पहचान बनाने वाले भारत के तेज गेंदबाज उमरान मलिक और कुलदीप सेन ऑस्ट्रेलिया नहीं जा रहे हैं. दोनों ही खिलाड़ियों को लेकर वीजा इशू हुए, जिसकी वजह से बीसीसीआई को ये फैसला लेना पड़ा. भारतीय टीम को चार नेट गेंदबाज चाहिए थे, ताकि उनकी प्रैक्टिस और अच्छी तरीके से हो, मगर इन दोनों खिलाड़ियों के लिए काफी कोशिश की गई की वीजा समय रहते क्लेयर हो जाए, लेकिन नहीं हुआ. वहीं इन दो खिलाड़ियों के अलावा नेट गेंदबाज के तौर पर चेतन साकरीया और मुकेश चौधरी को टीम इंडिया के साथ नेट प्रैक्टिस के लिए जोड़ा गया है.
दोनों ही गेंदबाज बाएं हाथ से गेंदबाजी करते हैं और हमने 2021 के टी20 विश्व कप में भी देखा था कि भारतीय टीम के टॉप ऑर्डर बल्लेबाज बाएं हाथ के गेंदबाजों के खिलाफ परेशानी झेल रहे थे. इसी परेशानी से उभरने के लिए इस साल भारतीय टीम मैनेजमेंट ने यह उपाय लगाया है कि प्रैक्टिस के लिए स्पेशली बाएं हाथ के गेंदबाज को टीम के साथ जोड़ा जाए. पर देखा जाए तो उमरान मलिक और कुलदीप सेन भी टीम के साथ होते तो भारतीय बल्लेबाजों की स्थिति और भी ज्यादा मजबूत हो जाती क्योंकि सभी को पता है कि ऑस्ट्रेलिया के ग्राउंड की कोई भी पिच तेज होती है और ऐसे में उमरान मलिक की गेंद पर प्रैक्टिस करना भारतीय बल्लेबाजों के लिए कारगर साबित हो सकता था. पर ऐसा नहीं हुआ.
इसी बात को लेकर कल ऑस्ट्रेलिया के पूर्व तेज गेंदबाज ब्रेट ली ने कहा भी था कि उमरान मलिक को भारतीय टीम के टी20 स्क्वाड में होना चाहिए था क्योंकि उनकी स्पीड अच्छी हैं और वो ऑस्ट्रेलिया के ग्राउंड पर विपक्षी टीमों के लिए महंगे साबित हो सकते थे. उन्होंने ये भी कहा कि जब आपके पास दुनिया की सबसे अच्छी कार है और आप उसे गैरेज में रख रहें है तो फिर ऐसे कार होने का क्या ही फायदा है.
इसके बाद ब्रेट ली ने यह भी कहा था कि मानते है उनके पास अनुभव नहीं हैं, पर 140 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार और 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गेंद करने में काफी फर्क हो जाता हैं.
हालांकि अब जो हो गया सो हो गया. उमरान मलिक और कुलदीप सेन को मुंबई के होटल में रोका भी गया था कि उनका अगर वीजा क्लेयर हो जाए तो वो चेतन साकरिया और मुकेश चौधरी के साथ ही ऑस्ट्रेलिया के लिए उड़ान भरेंगे, पर ऐसा नहीं हुआ और फिर दोनो खिलाड़ी वापस अपने घर चले गए और बीसीसीआई ने उन्हें डोमेस्टिक क्रिकेट सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी खेलने की इजाजत दे दी.