भारतीय क्रिकेट के लिए आज बहुत बड़ा दिन हैं। आज ही के दिन भारत को तीन अनमोल रत्न मिले थे अलग-अलग वर्षों में। 20 जून का यह दिन भारतीय क्रिकेट फैंस कभी नहीं भूल सकते हैं क्योंकि आज ही के दिन भारतीय टीम के तीन पूर्व कप्तानों ने टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया था और इसे अपना अहम योगदान दिया था। यह तीन खिलाड़ी है भारत के पूर्व कप्तान खिलाड़ी और बीसीसीआई अध्यक्ष सौरभ गांगुली, उसके बाद द वॉल के नाम से पहचाने जाने वाले राहुल द्रविड़ और तीसरे हैं वर्तमान में खेल रहे महान बल्लेबाज द रन मशीन किंग कोहली। तो आइए आपको बताते है तीनों ही खिलाड़ियों की कला और भारतीय टीम के लिए उन्होंने क्या योगदान दिया हैं।
सबसे पहले बात करते हैं दादा यानी की सौरभ गांगुली की, जिन्होंने भारतीय क्रिकेट को आगे बढ़ाने में अपना अहम योगदान दिया। दादा ने अजहरूद्दीन की कप्तानी में अपना पहला टेस्ट मैच खेला था, जोकि 1996 में इंग्लैंड के लॉर्ड्स में खेला गया था। उस मुकाबले में दादा ने शतक लगाया था और अपने डेब्यू मुकाबले को यादगार बना दिया था। पहले मुकाबले दादा ने गेंद से भी कमाल दिखाया था और पहले इनिंग में 2 और दूसरे इनिंग में 1 विकेट हासिल किए थे। दादा ने अपने 16 साल के क्रिकेट करियर में 113 टेस्ट मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने 7212 रन बनाए हैं, वहीं 32 विकेट भी हासिल किए हैं।
अब बात करते है भारत के पूर्व महान खिलाड़ी द वॉल के नाम से प्रसिद्ध राहुल द्रविड़ की। इत्तेफाक की बात यह है कि राहुल द्रविड़ ने भी उसी मुकाबले में टेस्ट डेब्यू किया था, जिसमें सौरभ गांगुली ने की थी और दोनों ने अपनी बल्लेबाजी से डेब्यू मुकाबले को यादगार बना दिया था। द्रविड़ ने शतक तो नहीं लगाया था मगर 95 रन की जबरदस्त पारी खेली थी। राहुल द्रविड़ ने 164 टेस्ट मैच खेले है, जिसमें उन्होंने 36 शतक और 63 अर्धशतक की मदद से 13288 रन बनाए हैं। द्रविड़ सबसे ज्यादा टेस्ट क्रिकेट खेलने के मामले में अभी भी छठे स्थान पर है और सबसे ज्यादा रन के मामले में भी चौथे स्थान पर हैं। द्रविड़ ने अपना अंतिम टेस्ट ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2012 में खेला था।
अब बात करते हैं विराट कोहली की, जिन्होंने द्रविड़ के संन्यास लेने से 1 साल पहले ही टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया था वेस्टइंडीज के खिलाफ किंग्सटन में। हालांकि पहला मुकाबले में तो विराट ने कोई खास पारी नहीं खेली थी मगर उसके बाद जो उन्होंने ऊपर चढ़ने की सीढ़ी पकड़ी है, आज कर चढ़ाई ही कर रहे हैं। विराट कोहली ने अब तक 109 टेस्ट मैच खेले है और 28 शतक और इतने ही अर्धशतक के बदौलत 8479 रन बनाए हैं। उनका करियर अभी खत्म नहीं हुआ है। अभी कम से कम वो 2 साल और टेस्ट क्रिकेट खेलने वाले हैं। हो सकता है कि 2025 में खेले जाने वाले विश्व टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल खेल कर ही इस फॉर्मेट से संन्यास लेने पर विचार करेंगे। तो ये थे हमारे तीन अनमोल रत्न, जिनका योगदान भारतीय क्रिकेट में अतुलनीय हैं।