2022 खत्म होने को है और इस साल भी हमें कई उभरते सितारे दिखे और कई स्टार खिलाड़ी का यह क्रिकेट फील्ड पर अंतिम साल रहा। वहीं क्रिकेट को अलविदा कहने वाले कई खिलाड़ी ऐसे भी है, जोकि अपने देश को विश्व चैंपियन बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई हैं। आइए इस वीडियो के जरिए जानते हैं कि 2022 में कौन-कौन से खिलाड़ी ने इंटरनेशनल क्रिकेट से लिया संन्यास और उन खिलाड़ियों का फिल्ड पर अपनी टीम के लिए क्या योगदान रहा।
सबसे पहले नाम आता है नीदरलैंड के खिलाड़ी स्टेफन मायबर्ग का। इस खिलाड़ी ने अपने करियर की शुरुआत 2011 में केन्या के खिलाफ किया था और अंत साउथ अफ्रीका के खिलाफ बीते टी20 विश्व कप में किया था, जहां इस टीम ने प्रोटियाज को हराकर विश्व कप में बड़ा उलटफेर कर दिया था। इसी टीम के ऑलराउंडर पीटर सीलार ने भी अपने 16 साल के करियर को अलविदा कहा है। इस खिलाड़ी ने 2006 में श्रीलंका के खिलाफ अपना पहला मुकाबला खेला था और 17 जून को इंग्लैंड के खिलाफ अपना अंतिम मुकाबला खेला था। इसके बाद आयरलैंड के मशहूर खिलाड़ी केविन ओब्रायन ने भी इसी साल क्रिकेट के सभी फॉर्मेट को अलविदा कहा हैं। अपनी टीम के लिए भी केविन ओ ब्रायन ने भी खुब खेला। 152 वनडे में इस खिलाड़ी ने 32.68 के औसत से 3726 रन बनाएं वहीं 109 टी-20 में ओब्रायन 1148 रन बनाए हैं. इंग्लैंड के खिलाफ 2006 में अपने करियर की शुरुआत करने वाले इस महान खिलाड़ी ने इस साल संन्यास की घोषणा कर दी।
वहीं पाकिस्तान के पूर्व कप्तान और जबरदस्त बल्लेबाज मोहम्मद हफीज ने अपने 19 साल के करियर को 2022 में अंत कर दिया। इस खिलाड़ी ने 2003 में जिम्बाब्वे के खिलाफ अपना पहले मुकाबला खेला था। हफीज का योगदान पाकिस्तान क्रिकेट में अतुलनीय हैं। हफीज पाकिस्तान के लिए 218 वनडे, 119 टी20 और 55 टेस्ट मैचेज खेले हैं, जिसमें उन्होंने क्रमश 6614, 2514 और 3652 रन बनाएं हैं। इस खिलाड़ी ने कई मुकाबले अपने दम पर पाकिस्तान को जिताया हैं। अपना अंतिम इंटरनेशनल मुकाबला तो इस खिलाड़ी ने 2021 के नवंबर में ही खेला था, मगर संन्यास की घोषणा इस साल उन्होंने की। श्रीलंका के भी दो खिलाड़ी ने इस साल क्रिकेट को अलविदा कहा है। पहले है दनुष्का गुनाथिलका और दूसरे हैं सुरंगा लकमल। लकमल ने अपने करियर की शुरुआत वनडे से 2009 में की थी, जिसके बाद इस खिलाड़ी ने अपनी टीम के लिए 70 टेस्ट, 86 वनडे और 11 टी-20 मुकाबले खेले और क्रमश 171, 109 और 8 विकेट हासिल किए। लकमल ने अपना अंतिम मुकाबला टेस्ट क्रिकेट खेलकर किया जब भारत के दौरे पर आई श्रीलंका की टीम ने मार्च में मेजबान टीम के खिलाफ चिन्नास्वामी स्टेडियम में खेला था। वहीं धनुष्का गुणाथिलका ने भी इस साल टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने का फैसला किया हैं। इस खिलाड़ी का टेस्ट करियर मात्र 1 साल का रहा, जिसमें उन्होंने 8 टेस्ट खेले। इसके बाद साउथ अफ्रीका के स्टार ऑलराउंडर क्रिस मोरिस ने भी 2022 में अपने क्रिकेट करियर पर पूर्ण विराम लगा दिया। क्रिस मॉरिस का क्रिकेट करियर कुछ दिनों का ही रहा, मगर काफी प्रभावी रहा। कम समय में इस खिलाड़ी ने पूरी दुनिया में अपना खूब नाम बनाया।
2019 में ही अपना अंतिम अंतरराष्ट्रीय मुकाबला खेलने वाले इस खिलाड़ी ने इस साल क्रिकेट के सभी प्रारूप से संन्यास लेने का फैसला किया और अब बतौर कमेंटेटर काम करे हैं। इस साल सबसे ज्यादा क्रिकेट को जो नुकसान हुआ है, वो है इंग्लैंड टीम के खेमे से। तीन खिलाड़ियों ने संन्यास की घोषणा की है। पहले तो बेन स्टोक्स ने वनडे क्रिकेट से बिजी शेड्युल होने के कारण संन्यास लेने का फैसला किया। उसके बाद टिम ब्रेसनन और पूर्व कप्तान और इंग्लैंड को पहली बार वनडे चैंपियन बनाने वाले खिलाड़ी इयोन मोर्गन। ब्रेसनन और मोर्गन दोनों ने अपने करियर की शुरुआत 2006 में किया था और अंत 2022 में। वहीं बेन स्टोक्स ने भी 9 साल वनडे क्रिकेट खेल कर 2022 में संन्यास लिया। न्यूजीलैंड के लीजेंड खिलाड़ी रोस टेलर, काली डिग्रेंडहोम और हैमिश बैनेट ने भी अपनी टीम को इस साल अलविदा कह दिया। टेलर 10 साल और बैनेट 12 साल तक न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम के साथ फील्ड पर रह कर योगदान दिया। वेस्टइंडीज के भी तीन महान खिलाड़ी ने भी अपनी टीम को इस साल अलविदा कह दिया। इन तीनों चैंपियन खिलाड़ी का नाम है किरोन पोलार्ड, लेंडल सिमंस और दिनेश रामदिन। तीनों ही वेस्टइंडीज को टी20 चैंपियन बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। बांग्लादेश के महान विकेटकीपर बल्लेबाज मुशफिकुर रहीम ने भी इस साल अपने 16 साल के टी-20 करियर को अलविदा कह दिया।
वहीं ऑस्ट्रेलिया टीम के पूर्व खिलाड़ी आरोन फिंच बतौर कप्तान होते हुए वनडे क्रिकेट से संन्यास लेने का फैसला किया। उन्होंने अपना वनडे करियर 2013 में शुरू किया था और अंत इसी साल। अंत में नाम आता है भारत के खिलाड़ियों का। इस साल तीन खिलाड़ियों ने संन्यास लिया हैं। सुरेश रैना, राहुल शर्मा और रॉबिन उथप्पा। तीनों ही खिलाड़ी पहले से ही भारतीय टीम से बाहर चल रहे थे, पर तीनों ने इसी साल ऑफिसियली संन्यास की घोषणा की है। राहुल शर्मा का योगदान तो भारतीय टीम के लिए कुछ खास नहीं रहा है, मगर उथप्पा और रैना ने भारतीय टीम के लिए कई बार अहम पारियां खेली है, जिसे क्रिकेट फैंस कभी नहीं भूल पाएंगे।