भारतीय टीम को छोड़ अपनी डोमेस्टिक टीम के कप्तान जयदेव उनादकट ने सौराष्ट्र को चैंपियन बनाया। इस टीम ने बंगाल को फाइनल में 9 विकेट से करारी शिकस्त दी। वहीं सबसे बड़ी बात यह रही की बंगाल को सौराष्ट्र ने उनके घर पर हरा दिया। जी हां, यह मुकाबला कोलकाता के इर्डन गार्डन में खेला जा रहा था।जयदेव उनादकट ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया, जोकि पूरी तरह से सही साबित हुआ।
पहले बल्लेबाजी करते हुए बंगाल की टीम 54.1 ओवर में मात्र 174 रन बनाई। पहली इनिंग की शुरुआत बंगाल की अच्छी रही नहीं थी, मगर मध्यक्रम बल्लेबाज शाहबाज अहमद 69 और विकेटकीपर बल्लेबाज अभिषेक पाल की 50 रन की पारी की मदद से टीम 174 जैसे सम्मानजनक स्कोर बना दिया। वहीं सौराष्ट्र के कप्तान जयदेव उनादकट ने पहली इनिंग के स्पेल में 3 विकेट हासिल की। उसके अलावा चेतन साकारिया ने भी अपनी टीम के लिए 3 विकेट लिए। चिराग गन और धर्मेंद्रसिंह जडेजा भी 2-2 विकेट अपने खाते मे डालकर महत्वपूर्ण योगदान दिया।
सौराष्ट्र की पहले इनिंग की बल्लेबाजी काफी शानदार रही और स्कोरबोर्ड पर कुल 404 रन लगा दिया। जय गोहिल 6 रन बनाकर पहले विकेट के रूप में आउट तो जरूर हुए और ओपनिंग खराब हुई, मगर टीम के दूसरे ओपनर हार्विक देसाई का पचासा,फिर विश्वराज जडेजा 25, शेल्डन जैक्सन 59, अर्पित वसावड़ा 81, चिराग गनी की 60 रन की पारी के दम पर टीम ने बंगाल के सामने एक बड़ा स्कोर बना डाला।
दूसरे इंनिंग में एक बार फिर सौराष्ट्र के कप्तान जयदेव उनादकट ने एक बार फिर से अपना कहर बरपाया और 6 विकेट अपने नाम कर बंगाल को मात्र 241 रन पर ऑल आउट कर दिया। सौराष्ट्र को इसके बाद मात्र 14 रन जीत के लिए चाहिए थे, जिसे टीम ने 1 विकेट खोकर हासिल कर लिया और 3 साल में दूसरी बार रणजी ट्रॉफी का खिताब अपने नाम किया।