ओलंपिक मुक्केबाजी : क्वार्टर फाइनल में हारीं पूजा रानी, पहले ही मुकाबले में हारकर बाहर हुए अमित पंघाल - Punjab Kesari
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ओलंपिक मुक्केबाजी : क्वार्टर फाइनल में हारीं पूजा रानी, पहले ही मुकाबले में हारकर बाहर हुए अमित पंघाल

भारत की महिला मुक्केबाज पूजा रानी (75 किग्रा) को टोक्यो ओलंपिक के क्वार्टर फाइनल मुकाबले में चीन की

भारत की महिला मुक्केबाज पूजा रानी (75 किग्रा) को टोक्यो ओलंपिक के क्वार्टर फाइनल मुकाबले में चीन की किआन ली के हाथों 0-5 से हार का सामना करना पड़ा है। वहीं भारत की पदक उम्मीद मुक्केबाज अमित पंघाल (52 किलो)प्री क्वार्टर फाइनल में रियो ओलंपिक के रजत पदक विजेता कोलंबिया के युबेरजेन मार्तिनेज से 1 . 4 से हारकर तोक्यो ओलंपिक से बाहर हो गए ।
शीर्ष वरीयता प्राप्त पंघाल का यह पहला ओलंपिक था और उन्हें पहले दौर में बाय मिला था । पूजा ओलंपिक में पदक हासिल करने से एक कदम दूर थीं। अगर वह यह मुकाबला जीत जातीं तो देश के लिए कम से कम कांस्य पदक पक्का कर लेतीं। लेकिन किआन ने उन्हें एकतरफा मुकाबले पराजित कर दिया और पूजा के हार के साथ ही उनसे पदक लाने की उम्मीद धूमिल हो गई।
किआन पहले राउंड से ही पूजा पर हावी रहीं और उन्होंने पांचों जजों को तीनों राउंड में काफी प्रभावित किया। किआन को पांचों जजों ने तीनों राउंड में 10-10 अंक दिए। पूजा को पहले दो राउंड में पांचों जजों से नौ-नौ अंक मिले जबकि तीसरे राउंड में एक जज को छोड़कर अन्य चार ने उन्हें नौ-नौ अंक दिए और एक एक जज ने आठ अंक दिया। पहले ही दौर से कोलंबियाई मुक्केबाज ने पंघाल पर दबाव बना दिया लेकिन पंघाल ने वापसी करके पहले तीन मिनट में 4 . 1 से जीत दर्ज की । इसके बाद मार्तिनेज की रफ्तार का वह सामना नहीं कर सके ।
भारतीय मुक्केबाजी के हाई परफॉर्मेंस निदेशक सैंटियागो नीवा ने कहा ,‘‘ वे एक दूसरे के साथ अभ्यास कर चुके हैं । उनमें से कुछ में अमित ने आज से बेहतर प्रदर्शन किया था लेकिन कुछ में आज की ही तरह हुआ । यह हैरानी वाला नतीजा नहीं है क्योंकि हमने देखा है कि यह मुक्केबाज काफी खतरनाक है ।’’ दूसरे दौर में मार्तिनेज ने पंघाल पर जबर्दस्त प्रहार किया जिसका भारतीय मुक्केबाज जवाब नहीं दे सके । यह सिलसिला आखिरी तीन मिनट में भी जारी रहा और पंघाल सिर्फ बचाव करते रहे ।
नीवा ने कहा ,‘‘ हमें पता था कि क्यो हो सकता है लेकिन हमें उम्मीद थी कि अमित आखिरी दो दौर में बेहतर करेगा।’’उन्होंने कहा ,‘‘ उसमें हिलने की ताकत नहीं बची थी और वह जवाबी हमले भी नहीं कर पा रहा था । उसके अति रक्षात्मक खेल से भी मार्तिनेज को काफी अंक मिले ।’’उन्होंने कहा ,‘‘ मैने किसी विरोधी के खिलाफ अमित को इतना थका हुआ नहीं देखा ।वह अपनी लय में नहीं था । हमारा सामना काफी क्षमतावान मुक्केबाज से था ।’’
एशियाई खेल 2018 में स्वर्ण पदक और विश्व चैम्पियनशिप 2019 में रजत पदक जीतने वाले पंघाल ने एशियाई खेलों में तीन बार पदक जीता है । वहीं मार्तिनेज 2016 रियो ओलंपिक में लाइटफ्लायवेट में रजत पदक विजेता थे । भारत की लवलीना बोरगोहेन (69 किलो) ने शुक्रवार को सेमीफाइनल में पहुंचकर मुक्केबाजी में पदक पक्का कर लिया था ।

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