भारत के गोल्डन बॉय नीरज चोपड़ा ने अपने खाते में एक और गोल्ड मेडल डाल दिया हैं। उन्होंने इस साल दूसरी बार गोल्ड मेडल जीता हैं। लॉसेन डायमंड लीग में कल उन्होंने 87.66 मीटर दूर भाला फेंक कर उन्होंने इस कीर्तिमान को हासिल किया हैं। उन्होंने जर्मनी के जूलियन वीबर को पीछे छोड़ कर गोल्ड अपने नाम किया। जूलियन ने 86.13 मीटर का भाला थ्रो किया था। आइए आपको बताते है कि नीरज चोपड़ा ने इस मेडल को कैसे अपने नाम किया।
नीरज चोपड़ा ने लुसान डायमंड लीग में फाउल से शुरुआत की थी और शीर्ष स्थान पर खत्म किया हैं। नीरज के पहले फाउल थ्रो के बाद जूलियन ने 86.20 मीटर थ्रो से बढ़त बना ली। इसके बाद दूसरे प्रयास में नीरज ने 83.52 मीटर दूर भाला फेंका, लेकिन बावजूद इसके जूलियन उनसे आगे चल रहे थे। हालांकि पहले राउंड में जहां नीरज टॉप-3 में भी शामिल नहीं थे, वहीं दूसरे राउंड में उन्होंने अपनी जगह टॉप-3 में बना ली। इसके बाद तीसरे थ्रो में उन्होंने 85.02 मीटर दूर भाला थ्रो किया, जिससे वो दूसरे नंबर पर पहुंच गए। उनके आगे सिर्फ जूलियन ही 86.20 मीटर के बढ़त के साथ आगे थे। लेकिन फिर से चौथे प्रयास में नीरज से चूक हो गई और वो फिर से फाउल कर बैठे। लेकिन पांचवे प्रयास में उन्होंने गजब का कमबैक किया और 87.66 मीटर का लंबा थ्रो फेंका, जो कि उनका गोल्डन आर्म बना। छठे और आखिरी बार में उन्होंने 84.15 मीटर दूर भाला फेंका।
नीरज चोपड़ा ने इस साल दूसरी बार गोल्ड मेडल जीता है। इससे पहले उन्होंने दोहा डायमंड लीग में 88.67 मीटर दूर भाला फेंक कर इस मुकाम को हासिल किया था, जो कि 5 मई को खेला गया था। नीरज चोपड़ा अब तक अपने करियर में 2016 से 8 इंटरनेशनल गोल्ड मेडल जीत चुके हैं। उन्होने इससे पहले एशियन गेम्स, साउथ एशियन गेम्स, ओलिंपिक गेम्स और डायमंड लीग जैसे टूर्नामेंट में गोल्ड हासिल कर चुके हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि दोहा डायमंड लीग में चैंपियन बनने के बाद वो इंजरी का शिकार हो गए थे। उन्हें मांसपेशियों में खिंचाव आ गया था, जिस वजह से उन्होंने 29 मई को अपने एक बयान के जरिए फैनी ब्लैंकर्स कोएन गेम्स और पावो नूरमी गेम्स से अपना नाम वापस ले लिया था, जो कि क्रमश 4 जून और 13 जून को खेला गया था।
अब नीरज अगले महीने होने वाले 19 से 27 अगस्त तक वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भाग लेंगे, जो कि हंगरी के बुडापेस्ट में आयोजित होने वाला हैं। पिछली बार 2022 में नीरज ने इस चैंपियनशिप में रजत पदक हासिल किया था। आपको बता दें कि आगामी चैंपियनशिप के इतिहास में भारत 2 बार सिर्फ मेडल जीत पाया है, जिसमें की एक बार पिछले साल नीरज ने ही जीता था और उससे पहले 2003 में अंजू बॉबी जॉर्ज ने लॉन्ग जम्प में रजत पदक हासिल किया था। तो नीरज जिस हिसाब के फॉर्म में इस वक्त चल रहे हैं, उससे यह उम्मीद लगाना गलत नहीं होगा कि वो वहां भी गोल्ड मेडल जीत सकते हैं और इतिहास बना सकते हैं।