अवसरवादियों को दूर रखना होगा - Punjab Kesari
Girl in a jacket

अवसरवादियों को दूर रखना होगा

NULL

नई दिल्ली : खेलो इंडिया के आयोजन से भारत में खेलों के विकास की संभावना बनी है। देर से ही सही सरकार ने खेलों को गंभीरता से लिया है और ग्रास रुट स्तर पर प्रयास करने का मन बनाया है। फिलहाल 17 साल तक के खिलाड़ियों से शुरुआत की गई है और साथ ही यह आश्वासन भी दिया गया है कि भविष्य में छोटी उम्र के खिलाड़ियों पर ध्यान दिया जाएगा। सबसे बड़ी और प्रशंसनीय बात यह है कि खेलो इंडिया के प्रदर्शन के आधार पर चुने गये 1000 खिलाड़ियों को प्रतिवर्ष पांच लाख की मदद दी जाएगी। आठ सालों तक उन्हें सरकारी सहायता मिलेगी।

अर्थात अब खिलाड़ियों को ट्रेनिंग के लिए किसी का मोहताज नहीं होना पड़ेगा। लेकिन कुछ सवाल अब भी ज्यों के त्यों खड़े हैं। भले ही खिलाड़ियों को सिखाने-पढ़ाने के लिए अच्छे कोचों की मदद मिलेगी। उन्हें विदेशों मे भी भेजा जा सकता है। लेकिन सरकार और खेल मंत्रालय को यह नहीं भूलना चाहिए कि पिछले कई सालों से हमारे खिलाड़ी जिन कोचों और प्रशासकों की देख-रेख में पढ़-सीख रहे हैं उनमे दम नहीं है। वरना क्या कारण है कि लाखों-करोड़ों लगाने के बाद भी हमारे खिलाड़ियों का प्रदर्शन सुधर नहीं पाता। इस दिशा में कुछ ज़्यादा ही गंभीरता दिखाने की ज़रूरत है।

खेलो इंडिया में जिन कोचों, रेफ़री-जजों और प्रशासकों ने भूमिका निभाई उनमें से ज़्यादातर वर्षों से खेल मंत्रालय, भारतीय खेल प्राधिकरण, स्कूल गेम्स फेडरेशन और खेल संघों के लाड़ले और मुंह लगे हैं। उंची पहुंच का फ़ायदा उठा कर अधिकांश कोच, कमेंटेटर और अन्य अधिकारी खेलों को लूटते आ रहे हैं। ऐसे लोग अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी का गीदड़ पट्टा पहनकर तमाम आयोजनों से किसी ना किसी रूप में जुड़े होते हैं। बेहतर होगा सिर्फ खेलों की गहरी समझ रखने वालों को ही अवसर दिया जाए। इतना ही नहीं खेल मंत्रालय और खेल प्राधिकरण में भी काबिल और क्षमतावान अधिकारियों की भर्ती की जाए तो बेहतर रहेगा।

अधिक जानकारियों के लिए यहाँ क्लिक करें।

(राजेंद्र सजवान)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *


Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।