नई दिल्ली : आस्ट्रेलिया और भारत के बीच पांच वनडे मैचों की सीरीज का आखिरी मुकाबला दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान पर खेला जाएगा। इस मुकाबले से पहले आस्ट्रेलिया ने चौथे वनडे में रिकार्ड स्कोर चेज करके दिखा दिया कि उसकी टीम हार नहीं मानने के जज्बे को वापस हासिल कर रही है। भारत की टीम को मोहाली में हार का सामना इसलिये करना पड़ा क्योंकि उसके गेंदबाजों को विकेटकीपर और क्षेत्ररक्षकों का साथ नहीं मिल पाया। भारतीय टॉप आर्डर लगातार अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सका है लेकिन मध्यक्रम को भी अपनी जिम्मेदारी उठानी होगी।
भारतीय मध्यक्रम के बल्लेबाजों अंबाती रायुडू, केदार जाधव, दिनेश कार्तिक और ऋषभ पंत को धोनी के साथ मिल कर टीम की नैय्या पार लगानी होगी। विजय शंकर, जडेजा और हार्दिक को मैच फिनिश करने के लिये परिपक्वता का परिचय देना होगा। विराट कोहली को छोड़कर टॉप ऑर्डर का कोई बल्लेबाज अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सका है। इस कारण टॉप ऑर्डर बल्लेबाजों के प्रदर्शन पर सवाल खड़े हुए हैं। वर्ल्ड कप में तीन महीने से कम का समय बचा है। टीम को केवल दो वनडे और खेलने हैं। इस प्रदर्शन ने टीम मैनेजमेंट और चयनकर्ताओं को चिंता में डाल दिया है।
संघर्ष कर रहा भारतीय शीर्ष क्रम
टी-20 सीरीज हम इसलिए हारे, क्योंकि हमारे बल्लेबाज फेल रहे। शीर्षक्रम के बल्लेबाज अभी भी संघर्ष कर रहे हैं। टी-20 छोटा फॉर्मेट है और इसमें खिलाड़ियों को फॉर्म हासिल करने में कठिनाई होती है, लेकिन वनडे में बल्लेबाज पारी को अपने हिसाब से आगे बढ़ा सकता है। हालांकि, ऐसा होता नहीं दिख रहा है। वनडे मैचों में प्रदर्शन से ही विश्वकप की टीम में जगह मिल पाएगी।
डेविड वॉर्नर-स्टीव स्मिथ की गैरमौजूदगी का फायदा नहीं उठा पाई टीम इंडिया
खेल के दोनों फॉर्मेट अलग-अलग हैं और दोनों के लिए खिलाड़ियों को एक ही मापदंड पर चुना जाना ठीक नहीं है। भारतीय टीम दोनों फॉर्मेट में लगभग इसी टॉप ऑर्डर के साथ खेलती है। इस कारण समस्या और बढ़ गई है। डेविड वॉर्नर और स्टीव स्मिथ की गैर मौजूदगी में टीम इंडिया का ऑस्ट्रेलियाई टीम पर हावी होने की उम्मीद थी। अब तक ऐसा नहीं हो सका है। चौथे वनडे में एश्टन टर्नर ने शानदार पारी खेल कर भारत के लिये खतरे की घंटी बजा दी है।
ऑस्ट्रेलिया का ओवरऑल प्रदर्शन शानदार
दूसरी ओर, ऑस्ट्रेलियाई ने सभी विभागों में अच्छा प्रदर्शन किया है। वहीं भारतीय टीम ऐसा नहीं कर सकी। हमारी गेंदबाजी अच्छी रही, लेकिन बल्लेबाज अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सके। कोहली ने दो शतक लगाए हैं। यह इसलिए भी शानदार है, क्योंकि हमारे बल्लेबाज इस कंडीशन में इन्हीं ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों के सामने संघर्ष कर रहे हैं।
स्पिनर्स ने छुपाई बल्लेबाजों की निरंतरता की कमी
पिछले कुछ साल में हमारी जीत में तेज और स्पिन गेंदबाजों का योगदान महत्वपूर्ण रहा है। इसने हमारे बल्लेबाजों की निरंतरता की कमी को छुपा दिया। जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी, कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल ने गेंद से प्रदर्शन किया है। इसके बाद भी टॉप ऑर्डर को रन बनाने ही होंगे। अब तक हमारे गेंदबाजों ने सीरीज के तीन मैचों में अच्छा प्रदर्शन किया है। सीरीज के बचे दो मैचों में बल्लेबाजों को अपनी फॉर्म हासिल कर वर्ल्ड कप से पहले आखिरी सीरीज में खुद को साबित करना होगा।