नई दिल्ली : कुछ समय पहले ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक ने एक साक्षात्कार में कहा था कि जापानी पहलवानों को हराने के लिए उन्हें दूसरा जन्म लेना पड़ेगा। संभवतया रियो ओलंपिक में जीते कांस्य पदक के बाद के खराब प्रदर्शन को देखते हुए उन्होने ऐसा कहा होगा, क्योंकि लंबे समय तक वह अपनी ख्याति के अनुरूप नहीं लड़ पा रही थी। आज यहां एसेक्स द्वारा ब्रांड एम्बेसडर घोषित किए जाने के अवसर पर साक्षी ने कई रहस्यों से परदा हटाया और पंजाब केसरी के कुछ सवालों का जवाब एक पेशेवर खिलाड़ी की तरह दिया।
जापानी पहलवानों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्हें 2020 के टोक्यो ओलंपिक में मेजबान पहलवानों से निपटना होगा और पूरी तरह तैयार हैं। पहले जो कुछ कहा, महज मज़ाक था। फिलहाल उसने कज़ाकिस्तान में होने वाली विश्व चैंपियनशिप के लिए 62 किलो वर्ग में श्रेष्ठ भारतीय पहलवान की हैसियत से भाग लेने का हक पा लिया है। वहां पहले छह स्थानों पर रहने वाले सभी पहलवान टोक्यो ओलंपिक का टिकट पा जाएंगे।
साक्षी चाहती है कि पहले ही प्रयास में कामयाब हो जाए और फिर साल भर ओलंपिक की तैयारी में जुट जाए। उसके अनुसार इस बार पदक का रंग बदलने का इरादा रखती है। एक सवाल के जवाब में साक्षी ने माना कि ओलंपिक पदक जीतने के बाद वह सम्मान समारोहों में ज़्यादा व्यस्त रही और यही उसके प्रदर्शन में गिरावट का कारण बना।