नागपुर : बांग्लादेश के खिलाफ रविवार को यहां खेले जाने वाले तीसरे और आखिरी टी 20 मैच में भारतीय टीम की नजरें इस साल घरेलू सरजमीं पर सबसे छोटे प्रारूप की पहली श्रृंखला जीतने पर होगी। कप्तान विराट कोहली सहित कुछ अन्य सीनियर खिलाड़ियों की गैर मौजूदगी में भारतीय टीम श्रृंखला अपने नाम करने के साथ अगले साल खेले जाने वाले टी 20 विश्व कप के लिए कोर खिलाड़ियों की पहचान करना चाहेगी।
श्रृंखला के पहले दो मैचों में हालांकि इस मामले में लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल की टीम में सफल वापसी के अलावा ज्यादा फायदा नहीं हुआ। चहल ने एक बार फिर साबित किया कि वह बीच के ओवरों में उनके पास विकेट निकालने की क्षमता है। राजकोट में खेले गये दूसरे टी 20 में चहल की अगुवाई में भारतीय गेंदबाजों ने बांग्लादेश को छह विकेट पर 153 रन पर रोक दिया।
फिर रही सही कसर कप्तान रोहित शर्मा में 85 रन की ताबड़तोड़ पारी खेलकर पूरी कर दी। चाइनामैच गेंदबाज कुलदीप यादव की जगह टीम में चुने गये वाशिंगटन सुंदर काफी किफायती रहे लेकिन विकेट चटकाने के मामले में चहल से पीछे छूट गये। तेज गेंदबाज खलील अहमद ने दोनों मैचों में रन लुटाये जिससे इस मैच शारदुल ठाकुर को अंतिम 11 में जगह मिल सकती है जो दीपक चाहर के साथ नयी गेंद साझा कर सकते हैं।
रोहित ने पहले दोनों टी20 मैचों की टीम में कोई बदलाव नहीं किया जिससे मनीष पांडे, संजू सैमसन और राहुल चाहर जैसे खिलाड़ी ड्रेंसिंग रूम में ही बैठे रहे। नागपुर में अगर उन्हें मौका नहीं मिला तो उन्हें खुद को साबित करने के लिए वेस्टइंडीज के खिलाफ आगामी टी20 श्रृंखला का इंतजार करना होगा।
टीम में जब सीनियर खिलाड़ियों की वापसी होगी तब भी भारत को टीम संयोजन बनाने के लिए काफी मसक्कत करनी होगी खासकर बल्लेबाजी विभाग में जहां टीम के पास आस्ट्रेलिया और इंग्लैंड की तरह बड़े शाट खेलने वाली खिलाड़ियों की कमी है। श्रेयस अय्यर ने कम समय में खुद को साबित किया है जबकि लोकेश राहुल अभी तक प्रभाव छोड़ने में नाकाम रहे है।