नई दिल्ली : भारतीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष नरेंद्र ध्रुव बत्रा ने देश के उभरते हुए खिलाड़ियों को संदेश दिया है कि वह भटकाव से बचें और अपने लक्ष्य पर नज़र गड़ाए रखें। ज़रा सा चूके तो उनके बढ़ते कदम थम सकते हैं। युवा ओलंपिक खेलों मे पदक जीतने वाले खिलाड़ियों के एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि जिस किसी ने अर्जेंटीना मे आयोजित यूथ ओलंपिक में पदक जीते हैं उनके लिए रुकने का समय नहीं है। वह सही दिशा में बढ़ रहे हैं किंतु होश खोया तो सबकुछ खो सकते हैं।
उन्होंने जूनियर हॉकी वर्ल्ड कप विजेता खिलाड़ियों का उदाहरण देते हुए कहा कि कुछ खिलाड़ियों ने यह मान लिया कि उन्होंने जैसे मैदान फ़तह कर लिया और ग़लत ट्रैक पर चल पड़े। नतीजा यह रहा कि कुछ एक सीनियर टीम में अपना स्थान नहीं बना पाए या चन्द मैच खेल कर गायब हो गये। यूथ ओलंपिक में भाग लेने गये खिलाड़ियों में उन्हें खास बात यह नज़र आई है कि ज़्यादातर अपने लक्ष्य के प्रति गंभीर हैं और बेहद अनुशासित हैं। चार साल पहले भारत को यूथ खेलों में मात्र दो पदक मिले थे, जबकि इस बार 13 पदक जीतने में सफलता मिली है। तीन पदक पहली बार आयोजित मिक्स्ड खेलों में जीतने में सफल रहे।
डाक्टर बत्रा के अनुसार कामनवेल्थ खेलों, एशियाड और यूथ ओलंपिक मे शानदार प्रदर्शन के बाद उम्मीद की जा रही है कि भारतीय खेल सही दिशा में बढ़ रहे हैं। जब कभी 2024 और 2028 के ओलंपिक खेलों में तीस से चालीस पदक जीतने की बात करते हैं तो उनके दावे को ज़्यादातर गंभीरता से नही लेते। लेकिन हाल के आयोजनों में भारतीय खिलाड़ियों ने जैसा प्रदर्शन किया है उसे देखते हुए उनकी बातों को पूरी तरह नकारा भी नहीं जा सकता।
(राजेंद्र सजवान)