श्रीलंका के सामने इंग्लैंड की मुश्किल चुनौती - Punjab Kesari
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श्रीलंका के सामने इंग्लैंड की मुश्किल चुनौती

विश्व कप ट्राफी 1996 में जीतने वाली टीम अपने शुरूआती मुकाबले में हार गयी जबकि उसके दो मैच

लीड्स : ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पिछले मैच को 87 रन गंवाने के बाद श्रीलंका की टीम आईसीसी विश्व कप मुकाबले में शुक्रवार को यहां खिताब की दावेदार इंग्लैंड से भिड़ेगी तो उसकी कोशिश टूर्नामेंट में अपनी स्थिति मजबूत करने की होगी। टूर्नामेंट में पांच मैचों में चार अंक के साथ श्रीलंका की टीम तालिका में छठे स्थान पर है और सेमीफाइनल में जगह पक्की करने के लिए उसे अगले चारों मुकाबले जीतने होंगे। विश्व कप ट्राफी 1996 में जीतने वाली टीम अपने शुरूआती मुकाबले में हार गयी जबकि उसके दो मैच बारिश के कारण धुल गये। 
पिछले हफ्ते गत चैम्पियन ऑस्ट्रेलिया से लंदन में मिली शिकस्त के बाद नाकआउट में जगह बनाने के लिए श्रीलंका को इंग्लैंड को हराना होगा जो शानदार लय में है। इंग्लैंड की टीम पांच मैचों में चार जीत से तालिका में दूसरे स्थान पर है। पाकिस्तान के खिलाफ मिली हार को छोड़ दें तो टीम को रोकना काफी मुश्किल लग रहा है। इयोन मोर्गन के नेतृत्व वाली टीम टूर्नामेंट की सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजी इकाई के रूप में उभरी है। 
उन्होंने पांच मैचों में चार बार 300 से अधिक का स्कोर खड़ा किया। उसने बांग्लादेश के खिलाफ छह विकेट पर 386 और अफगानिस्तान के खिलाफ छह विकेट पर 397 रन का विशाल स्कोर भी शामिल है। सर्वाधिक रन बनाने वाले शीर्ष 10 बल्लेबाजों की सूची में इंग्लैंड के पांच बल्लेबाज शामिल हैं। इसके साथ ही विश्व कप में 12 बार बल्लेबाजों ने शतकीय पारी खेली है जिसमें पांच बार इंग्लैंड के बल्लेबाजों ने यह कारनामा किया। अफगानिस्तान के खिलाफ मैच में सलामी बल्लेबाज जेसन राय की गैरमौजूदगी मोर्गन ने महसूस नहीं होने दी। 
उन्होंने मंगलवार को अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ पारी खेलते हुए 71 गेंद में रिकार्ड 17 छक्कों और चार चौकों की बदौलत 148 रन बनाए। मोर्गन एकदिवसीय क्रिकेट में पहले बल्लेबाज हैं जिन्होंने छक्कों से ही 100 से अधिक रन जुटाए। उनकी पारी के दम पर इंग्लैंड ने छह विकेट पर 397 रन का विशाल खड़ा किया। इंग्लैंड की मजबूत बल्लेबाजी को रोकने की जिम्मेदारी श्रीलंका के तेज गेंदबाजों की जोड़ी लसिथ मलिंगा और नुआन प्रदीप पर होगी। श्रीलंका को बल्लेबाजी में मध्यक्रम की कमजोरी को दूर करना होगा जो अब तक लगभग हर मैच में लड़खड़ाती दिखी है। 
न्यूजीलैंड के खिलाफ टीम 14 रन के अंदर पांच विकेट गंवाकर 136 पर आल आउट हो गयी तो वहीं अफगानिस्तान के खिलाफ टीम ने 36 रन के अंदर सात विकेट गंवा दिये और पूरी टीम 36.5 ओवर में 201 रन पर पवेलियन लौट गयी। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भी श्रीलंका तीन विकेट पर 205 रन के साथ बेहतर स्थिति में था लेकिन उसके बाद पूरी टीम 247 रन तक आउट हो गयी। दिमुथ करुणारत्ने की टीम को जोफ्रा आर्चर और मार्क वुड जैसे बेहतरीन गेंदबाजों का सामना करना होगा जिनके नाम विश्व कप में क्रमश: 12 और नौ विकेट हैं। 
श्रीलंका के पास कुछ ऐसे खिलाड़ी हैं मैच के दौरान अपना प्रभाव छोड़ सकते हैं। श्रीलंका को लसित मलिंगा और  नुआन प्रदीप से अच्छी गेंदबाजी की उम्मीद होगी। ये दोनों खिलाड़ी अभी तक अपनी टीम के लिए कुछ खास नहीं कर पाए हैं। बल्लेबाजी में भी श्रीलंका के निचले क्रम को विश्वास के साथ बल्लेबाजी करनी होगी। मैथ्यूज अभी तक फ्लाप रहे हैं लेकिन वह अपने अनुभव का इस्तेमाल करके श्रीलंका को जीत की राह पर आगे ले जा सकते हैं।

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