विश्व टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल मैच क्रिकेट के सबसे ऐतिहासिक मैदान लॉर्ड्स पर खेला जा रहा है, और मुकाबला अब अपने रोमांचक मोड़ पर पहुंच चुका है। दूसरे दिन गुरुवार को भी गेंदबाज़ों ने पूरी तरह से मैच पर कब्ज़ा जमाए रखा। पहले दिन की तरह दूसरे दिन भी कुल 14 विकेट गिरे, जिससे साफ हो गया कि यह पिच बल्लेबाज़ों के लिए नहीं, बल्कि गेंदबाज़ों की जंग का मैदान बन चुकी है। दक्षिण अफ्रीका की टीम, जिसने पहले दिन ही 43 रन पर अपने चार अहम विकेट खो दिए थे, दूसरे दिन भी संभल नहीं सकी। हालांकि कप्तान तेंबा बावूमा और डेविड बेडिघम ने मिलकर पांचवें विकेट के लिए कुछ समय संघर्ष किया और 64 रन की साझेदारी की, लेकिन यह साझेदारी भी ज़्यादा देर टिक नहीं सकी। जैसे ही ऑस्ट्रेलियाई कप्तान पैट कमिंस ने आक्रामकता दिखाई, दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज़ ताश के पत्तों की तरह बिखर गए।
कमिंस ने अपनी तेज़ और सटीक गेंदबाज़ी से लगातार विकेट झटके। उन्होंने काइल वर्नेन को एलबीडब्ल्यू आउट किया, फिर मार्को यानसेन को कैच करवाया। इसके बाद उन्होंने पारी के सबसे स्थिर बल्लेबाज़ बेडिघम को विकेट के पीछे कैच आउट करवाया और पारी को झटका दे दिया। आखिरी दो विकेट भी जल्दी गिर गए। केशव महाराज रन आउट हुए और रबादा को कमिंस ने डीप मिडविकेट पर कैच करवा कर अपना छठा विकेट लिया। इस शानदार प्रदर्शन के साथ पैट कमिंस ने न सिर्फ इस पारी में छह विकेट लिए, बल्कि उन्होंने अपने टेस्ट करियर के 300 विकेट भी पूरे कर लिए। वह लॉर्ड्स में पांच विकेट लेने वाले 1982 के बाद पहले तेज़ गेंदबाज़ कप्तान बन गए हैं, जिनका नाम अब लॉर्ड्स के ‘ऑनर्स बोर्ड’ पर दर्ज हो गया है। दक्षिण अफ्रीका की पूरी पारी 138 रन पर सिमटी और ऑस्ट्रेलिया को पहली पारी में 74 रनों की बढ़त मिली। कमिंस को मिशेल स्टार्क और जोश हेज़लवुड का भी अच्छा साथ मिला, जिन्होंने मिलकर तीन विकेट लिए। लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं हुई। जब ऑस्ट्रेलिया दूसरी पारी खेलने उतरा, तो दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाज़ों ने भी वापसी की ठान ली थी। कैगिसो रबादा और लुंगी नगिदी ने शानदार लाइन और लेंथ पर गेंदबाज़ी करते हुए ऑस्ट्रेलिया की बल्लेबाज़ी को झकझोर कर रख दिया। पहले उस्मान ख्वाजा और कैमरन ग्रीन आउट हुए, फिर स्टीव स्मिथ और बेयू वेबस्टर जैसे अनुभवी बल्लेबाज़ भी पवेलियन लौट गए।
ऑस्ट्रेलिया की हालत इतनी खराब हो गई कि सिर्फ 73 रन पर उसके 7 विकेट गिर चुके थे। ऐसा लग रहा था कि पूरी टीम 100 रन से पहले ही ढेर हो जाएगी, लेकिन तभी एलेक्स कैरी और मिशेल स्टार्क ने मोर्चा संभाला। दोनों ने आठवें विकेट के लिए 61 रनों की अहम साझेदारी की और टीम की कुल बढ़त को 200 रन के पार पहुंचाया। दिन का खेल खत्म होने तक ऑस्ट्रेलिया ने आठ विकेट पर 144 रन बना लिए थे और उसकी कुल बढ़त 218 रन की हो चुकी थी। क्रीज पर मिशेल स्टार्क 16 रन और नाथन लायन 1 रन पर नाबाद हैं। इस मुकाबले में अब तीन दिन का खेल बाकी है, लेकिन लॉर्ड्स की पिच जिस तरह से तेज़ गेंदबाज़ों को मदद दे रही है, उसे देखकर यह कहना गलत नहीं होगा कि मैच तीसरे ही दिन समाप्त हो सकता है। ऑस्ट्रेलिया की बढ़त भले ही बहुत बड़ी न हो, लेकिन इस पिच पर 200 से ज़्यादा रन का पीछा करना बेहद कठिन होगा। अगर ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज़ एक बार फिर उसी तरह की घातक गेंदबाज़ी करते हैं जैसी उन्होंने पहली पारी में की थी, तो दक्षिण अफ्रीका के लिए वापसी करना बेहद मुश्किल होगा।