भारतीय क्रिकेट में Dhoni से बड़ा नाम कोई और नहीं है क्योंकी धोनी ने भारत के लिए वो किया है जो अभी तक किसी और कप्तान ने नहीं किया है और उनको बेहतरीन कप्तान माना जाता है. उन्होंने अपनी कप्तानी में टीम को ऊंचाइयों तक पहुंचाया. वहीं अब Rohit ने टी20 वर्ल्ड कप जीतकर खुद को उसी लाइन में खड़ा कर दिया है. धोनी और रोहित के अलावा विराट Kohli की कप्तानी भले ही टीम इंडिया कोई ट्रॉफी नहीं जीत पायी हो लेकिन उनकी कप्तानी की भी जमकर तारीफ होती रहती है। खासकर टेस्ट क्रिकेट में , उनके आक्रामक रवैये ने उन्होंने फैंस का दिल जीता है। ऐसे में यह चर्चा बराबर होती है कि धोनी, कोहली और रोहित में कौन बेस्ट कप्तान है. और तीनों की कप्तानी में अंतर को लेकर भी बात होती है।
HIGHLIGHTS
- R Ashwin ने कोहली-धोनी से अगल बताई रोहित शर्मा की लीडरशिप क्वालिटी
- रोहित हमेशा टीम का माहौल हल्का रखते हैं- आर अश्विन
- आर अश्विन ने गौतम गंभीर को भी बताया रोहित शर्मा से अलग
अश्विन ने धोनी, रोहित और कोहली की कप्तानी के तरीकों में प्रमुख अंतरों के बारे में बात की
इसी बीच भारत के महान स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने धोनी, Rohit और कोहली की कप्तानी के तरीकों में प्रमुख अंतरों के बारे में बात की है. अश्विन इन तीनों की कप्तानी में खेले हैं और पिछले दशक में टीम की महत्वपूर्ण उपलब्धियों का हिस्सा रहे हैं. हाल के समय में तीनों भारतीय कप्तानों की तुलना की गई है, लेकिन अश्विन ने एक प्रमुख क्षेत्र बताया जहां रोहित कप्तानी में Virat और Dhoniसे काफी अलग हैं. उन्होंने कहा कि रोहित अन्य दोनों की तुलना में अधिक योजना बनाते हैं।
रोहित बहुत संतुलित रहते हैं और रणनीतिक रूप से मजबूत हैं.
अश्विन ने एक इंटरव्यू में कहा, “रोहित की कप्तानी के बारे में 2-3 चीजें अच्छी हैं. वह हमेशा टीम का माहौल हल्का बनाए रखते हैं. वह इसे हल्का रखने का प्रयास करते हैं. रोहित बहुत संतुलित रहते हैं और रणनीतिक रूप से मजबूत हैं. धोनी और विराट भी रणनीतिक रूप से मजबूत थे, लेकिन रोहित रणनीति पर ज्यादा काम करते हैं.” अश्विन ने यह भी खुलासा किया कि किसी भी बड़े मैच या सीरीज से पहले रोहित भारतीय क्रिकेट टीम के एनालिटिक्स टीम के साथ बैठकर कुछ खिलाड़ियों के लिए उचित रणनीति तैयार करते हैं.
रोहित एनालिटिक्स टीम और कोच के साथ तैयारी करते हैं.
अश्विन ने कहा, ”अगर कोई बड़ा मैच या सीरीज आ रही है तो रोहित एनालिटिक्स टीम और कोच के साथ बैठकर इसकी तैयारी करते हैं. जैसे किसी विशेष बल्लेबाज की कमजोरी क्या है, गेंदबाज की क्या योजना है. यह रोहित की ताकत है. वह हमेशा टीम का माहौल हल्का रखते हैं और खिलाड़ियों का समर्थन करते हैं. अगर वह किसी खिलाड़ी को प्लेइंग-11 में चुनते हैं, तो वह उनका 100% समर्थन करते हैं. मैंने अपना अधिकांश करियर इन तीन कप्तानों के साथ खेला है.”